जीवन में बढ़ाना है पुण्य का भंडार तो कभी नहीं छोड़े जाप एवं सत्संग का अवसर: रितेश मुनि
भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) जीवन में पुण्यवानी से ही जाप करने एवं सत्संग श्रवण का सुअवसर प्राप्त होता है। पुण्य का भंडार बढ़ाने के ऐसे अवसर मिले तो कभी नहीं छोड़ने चाहिए। जाप एवं सत्संग पुण्य में अभिवृद्धि करते है। जीवन में संतों की वाणी व्यक्ति को धर्म के पथ पर चलने की प्रेरणा प्रदान करती है ओर जाप उसे एकाग्र बना ईश्वरीय अनुभूति कराता है। ये विचार श्रमण संघीय पंडित रत्न पूज्य रितेश मुनि म.सा. ने शनिवार सुबह सांगानेर रोड स्थित श्री वेणी सिद्ध सेवा संस्थान परिसर में आध्यात्म साधिका महासाध्वी पूज्य सिद्धकंवर म.सा., पूज्य विनयप्रभा म.सा. एवं दिव्यप्रभा म.सा. के पुण्य स्मृति दिवस पर आयोजित मासिक नवकार मंत्र जाप के बाद प्रवचन में व्यक्त किए। इस आयोजन में सानिध्य प्रदान करने के लिए श्री यश सिद्ध स्वाध्याय भवन से वहां पहुंचे रितेश मुनि ने दिवंगत महासाध्वी पूज्य सिद्धकंवर म.सा. के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि वह नाम से ही नहीं गुणों से भी सिद्धरत्ना थी ओर ऐसी विभूति को उनके गुणों के कारण हमेशा स्मरण किया जाता रहेगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि दिवंगत साध्वियों की पुण्यस्मृति में हर माह श्री वेणी सिद्ध सेवा संस्थान की ओर से नवकार महामंत्र जाप किया जाता है। मुनिश्री ने कहा कि जाप करने से सिद्धात्माओं का गुणगान होने के साथ उनके जीवन से प्रेरणा भी मिलती है। उन्होंने कहा कि जीवन में सुख व शांति की अनुभूति करने का श्रेष्ठ माध्यम जाप एवं प्रार्थना है। जाप एवं धर्मसभा में पूज्य प्रभात मुनि का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। संस्थान के मंत्री मुकेश डांगी ने संस्थान परिसर में आगमन पर पूज्य रितेश मुनि एवं प्रभातमुनि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। इस मौके पर शांतिभवन श्रीसंघ के मंत्री सुशील चपलोत सहित कई पदाधिकारी व श्रावक-श्राविकाएं भी मौजूद थे। पूज्य रितेश मुनि ने बताया कि शास्त्रीनगर स्थित अहिंसा भवन में होली चातुर्मास के लिए सोमवार सुबह श्री शांति जैन अतिथि गृह से मंगल प्रवेश होगा।
नवकार मंत्र जाप एवं सिद्ध चालीसा का पाठ
दिवंगत महासाध्वियों की स्मृति में हर माह की 16 तारीख को श्री वेणी सिद्ध सेवा संस्थान परिसर में होने वाले इस जाप के तहत सुबह श्रावक-श्राविकाओं ने सर्वकष्ट निवारक नवकार महामंत्र जाप के माध्यम से सर्व सुख एवं शांति की मंगलकामना की। श्रद्धा भाव से सिद्ध चालीसा का पाठ भी किया गया। चालीसा के बाद दिवंगत साध्वी सिद्धकंवर द्वारा रचित प्रार्थना ‘उठ जाग मेरे चैतन्य प्रभु’ बोली गई।
विभिन्न क्षेत्रों से संस्थान परिसर पहुंचे श्रावक-श्राविकाएं
जाप में शामिल होने के लिए भीलवाड़ा शहर के विभिन्न क्षेत्रों से श्रावक-श्राविकाएं संस्थान परिसर पहुंचे। जाप लाभार्थी सोहनलाल राजकुमार मुकेशकुमार बंब परिवार रहा। जाप में वरिष्ठ सुश्रावक भूपेन्द्रसिंह पगारिया, दलपत सिंह, राजेश नाहर, राकेश बम्ब, राजकुमार बम्ब, शिवजी पगारिया, रतनलाल खारीवाल, रंगलाल बम्ब, भंवरलाल चैरड़िया, मानमल डांगी हिम्मतसिंह खारीवाल, सुनीता बम्ब, लाड़देवी बम्ब, लाड़ी सोनी सहित कई श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे।