समूह चर्चाओं, रैलियों और स्कूल सत्रों ने घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दे शामिल
भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) हिंदुस्तान जिंक के सखी प्रोजेक्ट के तहत् डेढ़ माह तक संचालित अभियान उठोरी के तहत् समूह चर्चाओं, रैलियों और स्कूल सत्रों ने घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दो पर 90 हजार से अधिक लोगो को जागरूक किया गया। अभियान आगुचा, चंदेरिया, दरीबा, देबारी, कायड, पंतनगर और जावर सहित सभी परिचालन क्षेत्रों में चलाया गया जो कि बुनिदयादी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने की प्रतिबद्धता को दोहराता है। इस अभियान में ग्राम ड्राइव, समूह चर्चा, रैलियां और स्कूल सत्र सहित अन्य माध्यमों से घरेलू हिंसा, बाल विवाह, कन्या भू्रण हत्या, असमान शिक्षा के अवसर और बाल यौन शोषण जैसी गंभीर विषयों पर प्रभावी रूप से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू एक समर्पित कैडर की स्थापना है जिसे जेंडर सखी के नाम से जाना जाता है, जिसमें इन महत्वपूर्ण मामलों पर अपने साथियों और व्यापक समुदाय को शिक्षित करने के लिए महिलाएं शामिल हैं।
अभियान के तहत् परिचालन क्षेत्रों के आस पास के विद्यालयों में जेंडर सखियों द्वारा सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श पर प्रशिक्षण और उसके बाद आयोजित सत्र शामिल थे। इसके अतिरिक्त, खेलों में समावेशन पर एक ज्ञानवर्धक सत्र में मैदान के अंदर और बाहर समावेशिता और समान अवसरों को बढ़ावा देने में खेल की परिवर्तनकारी शक्ति पर प्रकाश डाला गया। उठोरी क्षेत्र में नवाचार करने के लिए, कथा मंच, दिल्ली द्वारा समर्थित पांच दिवसीय आवासीय थिएटर कार्यशाला ने तीस सखी महिलाओं को सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए नाटकीय माध्यमों से सशक्त बनाया। इन महिलाओं ने सखी उत्सव कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और एक बड़े मंच पर जागरूकता जगायी।