मौत का केंद्र बना नारीबारी स्थित मां शारदा हॉस्पिटल


मौत का सौदागर बन चुका है अस्पताल हर समय सक्रिय रहते हैं दलाल

आए दिन गलत इलाज की वजह से होती हैं मौतें लेकिन जिम्मेदार मौन

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के नारीबारी के मां शारदा हॉस्पिटल में हल्का पेट दर्द होने पर पथरी बताते हुए इलाज के दौरान ऑपरेशन से युवक की मौत हो गई।घटना से क्षुब्ध स्वजनों ने अस्पताल के सामने शव रखकर पचास लाख मुआवजे की मांग करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर चक्काजाम करअस्पताल संचालक के ऊपर मुआवजा एवं कार्रवाई की मांग करने लगे। मिली जानकारी के मुताबिक कोरांव थाना क्षेत्र के चिराव निवासी चंद्रिका प्रसाद प्रजापति 48 पुत्र स्व परसोत्तम दस मई को हल्का पेट दर्द होने पर इलाज के लिए मां शारदा हॉस्पिटल नारीबारी में आया था। जहां छह दिन इलाज के बाद 16 मई को पथरी बता कर ऑपरेशन किया गया। स्वजनों का आरोप है कि स्थिती बिगड़ने पर 18 मई को बिना परिजनों को बताए दोबारा ऑपरेशन कर दिया गया। हालत गम्भीर होने पर गैलेक्सी हॉस्पिटल प्रयागराज रेफर किया गया। किन्तु वहां भर्ती नहीं करने पर किसी प्रकार यस आर यन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान 23 मई शुक्रवार को सुबह चंद्रिका की मौत हो गई। मृतक की पत्नी सोनकली प्रजापति, बड़े भाई मुंशी प्रजापति ने आरोप लगाया है कि मां शारदा हॉस्पिटल में इलाज के दौरान आए दिन मरीजों की मौत होती रहती है। मृतक चंद्रिका के पांच बेटी और एक बेटा क्रमशः सुषमा 19, संजना 16, रंजना 15, वंदना 12, पुत्र सुनील 10, सबसे छोटी बेटी अंजू 8साल का रोते रोते बुरा हाल है।परिजनों ने अस्पताल पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग करते हुए चक्का जाम कर दिया। सूचना पर एसीपी बारा कुंजलता, थाना प्रभारी ओमप्रकाश मौके पर पहुंचे, जहां कुछ लोगों के मध्यस्थता पर सात लाख रुपए में समझौता हुआ। मुआवजा के तौर पर तीन लाख नगद और चार लाख रुपए का चेक दिया गया। इस बाबत हॉस्पिटल संचालक डाक्टर मनोज सिंह ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान आंत फट जाने पर दूसरे जगह गैलक्सी हॉस्पिटल प्रयागराज भेजा गया जहां उसकी मौत हो गई।


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