पत्रकारों के पीड़ा को महसूस कर सांसद/ रेल संबंधी स्थायी समिति की सदस्य केसरी देवी पटेल ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर किया आग्रह
प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक मजबूत स्तंभ पत्रकारिता है जिसकी कभी शान और सम्मान दोनों था किंतु इन दिनों इस पेशे से जुड़े लोग बेहद आहत हैं किसी तरह से परिवार का जीवकोपार्जन कर रहे हैं पर बीते दिनों रेल मंत्रालय द्वारा विज्ञापन से संबंधित पुरानी नीति को खत्म कर नई नीति लागू किए जाने की जानकारी पूरे भारतवर्ष में जबरदस्त तरीके से हुई। इसके बाद से तमाम ऐसे लोग जो मीडिया जगत से किसी न किसी रूप से जुड़े हुए हैं उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया की कैसे चलेगा परिवार। देश के विभिन्न राज्यों के अलग-अलग जिलों से समाचार पत्र से जुड़े लोगों के फोन उत्तर प्रदेश पत्रकार कल्याण परिषद के अध्यक्ष राशिद जमाल और सचिव बलराम शुक्ला के आने लगे की हम समाचार पत्र में काम करने वालों के लिए आने वाला दिन कठिनाइयों से भरा होगा क्योंकि अखबार चलाने के लिए विज्ञापन की अत्यंत आवश्यकता होती है और इस विज्ञापन को हम प्रत्येक राज्य के मंडलो में स्थित जनसमपर्क कार्यालय द्वारा प्राप्त कर अपने-अपने समाचार पत्रों में प्रकाशित करते हैं तथा जनसमपर्क कार्यालय द्वारा कभी-कभी देर रात विशेष परिस्थिति में भी विशेष सूचना अथवा आम जनमानस को जागरूक करने हेतु समाचार पत्र छपवाने की आवश्यकता पड़ती है जिसे जिले के सभी समाचार पत्र स्वामी अपने-अपने समाचार पत्रों में प्रकाशित करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। तमाम बातों पर गौर करने के बाद पत्रकार संगठनों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले संगठन उत्तर प्रदेश पत्रकार कल्याण परिषद ने लड़ाई लड़ने का साहसी कदम उठाया और सर्वप्रथम बीते दिनों फूलपुर, प्रयागराज की सांसद/ सदस्य रेल संबंधी स्थायी समिति केसरी देवी पटेल को अपना ज्ञापन सौंपा था जिसे सांसद ने गंभीरता पूर्वक पढ़ने के उपरांत संगठन के सचिव को आश्वस्त किया था कि आपकी बात को आपके दर्द को रेल मंत्री को अवगत कराकर उनसे पुरानी नीति को लागू करने के लिए कहा जाएगा । सांसद केसरी देवी पटेल ने अपनी कही बातों पर अमल करते हुए रेल मंत्री को स्वयं चिट्ठी लिखकर पत्रकारों के सामने बेरोजगारी के संकट पैदा होने वाली नीति पर पुनः विचार करने का आग्रह किया। सांसद केसरी देवी पटेल ने रेल मंत्री से विनम्र आग्रह भी किया कि लाखों करोड़ों बेरोजगार होते पत्रकारों की बातों को सुने और इस पर गंभीरतापूर्वक विचार कर पत्रकार हित में नई नीति को खत्म कर पुरानी नीति को लागू करे। सांसद ने उत्तर प्रदेश पत्रकार कल्याण परिषद के सचिव को भी अवगत हेतु बुलाकर पत्र की कापी दिया अपने मंत्रालय द्वारा लिखी गई चिट्ठी को प्रेषित कर कि आपकी बातों को रेल मंत्री को अवगत करा दिया गया है और संगठन की प्रशंसा की बोली अति शीघ्र इस पर निर्णय लिया जाएगा।