सांसद कुंवर उज्जवल रमण सिंह से किसानों की जगी आस होगा नहरों का विकास

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बारा क्षेत्र के सैकड़ो गांव आज भी सिंचाई के साधनों से हैं वंचित

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर बारा क्षेत्र में सैकड़ों गांव के लोग 50 सालों से ईश्वर की ओर ताकि टकटकी लगाए ताक रहे हैं कि कब उनके क्षेत्र में सिंचाई और पानी की समस्याओं से निजात मिले। उसी की आस लगाएं हर जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और समाजसेवियों के दरवाजे में 50 सालों से दौड़ रहे हैं। इसी समस्या को लेकर सिंचाई विभाग सहित पूर्व सांसद प्रयागराज रीता बहुगुणा जोशी ने संज्ञान लेकर नहर बिछाने की कवायद शुरू की थी लेकिन उनकी योजना परवान नहीं चढ़ी। अब एक बार फिर लोगों में वर्तमान सांसद कुंवर उज्जवल रमण सिंह से बारा में नहरों का जाल बिछाने की आस जगी है।बता दें कि प्रयागराज पूर्व सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने तीसरे स्टेज नहर निर्माण का वीणा उठाते हुए पिछले साल अगस्त माह में सिंचाई विभाग के अधिकारियों संग नहर निर्माण विषय पर अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर बैठक की थी लेकिन बैठक में हुए निर्णय अमली जामा नही पहना सके। ज्ञात हो कि सन 1972 में यमुना नदी से पानी उठाकर दो स्टेज में नहर निर्माण की आधार शिला हेमवती नंदन बहगुणा ने रखी थी। पहले स्टेज में लगभग 22 किमी पडुवा से असरवई, दूसरे स्टेज में भोंड़ी पंप हाउस से नारीबारी तक 23 किमी तथा बवंधर से भोंड़ी पंप हाउस तक ढाई किमी बाघला नहर प्रखंड एवं पडुवा में कमला पंप का निर्माण 27 माइनरों सहित कराकर किसानों को बहुत बड़ी सौगात दी थी। तीसरे स्टेज नहर निर्माण न होने के कारण खान सेमरा, कपारी, जोरवट, लकहर, शंकरगढ़, अमिलिहाई, बेनीपुर, शिवराजपुर, बरगडी, गढवा, गोल्हैया, कचारी, भैसहाई, लखनपुर, गाढ़ा कटरा, जनवा, अभयपुर, बिहरिया, आमगोदर टकटई आदि कई गांवों में प्रतिवर्ष पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है। सिंचाई का साधन न होने की वजह से खेत भी परती पड़े रहते हैं। बारा क्षेत्र की जनता को एक बार पुनः शंकरगढ़ क्षेत्र में असिंचित क्षेत्रों के लिए नहरों का जाल बिछाने के लिए वर्तमान सांसद कुमार उज्जवल रमण सिंह से आस जगी है। लोगों ने कहा कि इन क्षेत्रों में नहरों का जाल बिछ जाए तो यहां असिंचित और परती पड़ी जमीनों से किसान खेती करके 2 जून की रोटी का जुगाड़ कर लेगा।


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