मुनि निर्मद सागरजी ने किये केश लोंच

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सवाई माधोपुर 2 सितम्बर। दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी आलनपुर में चतुर्मासरत मुनि निर्मदसागरजी महाराज ने रविवार को भजनों एवं जयकारों के बीच समतापूर्वक वैराग्य के प्रतीक केश लोंच किये।
समय आराधना चातुर्मास समिति के मीडिया प्रभारी प्रवीण जैन ने बताया कि इस दौरान मंजू पहाड़िया, डेजी जैन, वंदना बाकलीवाल, बीना गंगवाल व मोना श्रीमाल ने वैराग्य की भावना से ओत-प्रोत भजनों व गीतों की प्रस्तुति दी। वहीं चातुर्मास समिति के संरक्षक मोहनलाल कासलीवाल ने विनयंजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि में जैन श्रमण परंपरा में केश लोंच वैराग्य का प्रतीक है और केश लोचन त्याग-तपस्या एवं संयम का प्रतीक है। साथ ही जैन साधु को एक वर्ष में कम से कम चार बार और अधिक से अधिक छह बार केश लोंच करना पड़ता है तथा केश लोचन करने पर उस दिन मुनि उपवास भी करते है।
इस मौके पर मुनि नीरज सागर महाराज ने कहा कि जिसके भीतर यदि वैराग्य नहीं है तो वह केश लोंच कर ही नहीं सकता और जब तक अपने शरीर को आत्मा से अलग नहीं समझ कर श्रद्धान नहीं करेंगे तब तक केश लोंच नहीं हो सकता।
प्रवीण जैन ने बताया कि सकल दिगंबर जैन समाज ने कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर, बेमिसाल प्रवचन शैली, विश्व में भगवान महावीर के शांति, अहिंसा, सदाचार एवं नैतिकता का संदेश देने वाले क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनि तरुण सागरजी महाराज को उनकी छटवीं पुण्यतिथि पर याद करते हुए उनका गुणानुवाद किया। वहीं मुनि नीरजसागर महाराज ने राष्ट्रसंत द्वारा बताए सद्मार्ग मार्ग पर चलने का लोगों को संदेश दिया।
साथ ही पं.अकिंत जैन शास्त्री, समाज के महामंत्री हरसीलाल जैन श्रीमाल, चातुर्मास समिति अध्यक्ष रमेश चंद कासलीवाल, महामंत्री महावीर बज व कोषाध्यक्ष अशोक पांड्या आदि प्रबुद्धजनो ने विनयांजलि अर्पित की।


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