कुशलगढ़, बांसवाड़ा।अरुण जोशी। बीस पंथी जैन समाज अध्यक्ष जयंतीलाल सेठ महामंत्री हसमुखलाल सेठ ने बताया कि मुनि श्री 108 सुमंत्र सागर जी महाराज की 186 दिवसीय मध्यम निष्कृदित व्रत आराधना का उद्यापन महापारणा के रूप में आज संपन्न हुआ। जिसमें प्रातः मुनि श्री के सानिध्य में मुलनायक आदिनाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक एवं भक्तांबर विधान संपन्न हुआ। मुनि श्री के पाद प्रक्षालन का लाभ दोषी नयन कुमार ईडर निवासी ने एवं मुनि श्री की पूजन का लाभ सेठ जयंतीलाल पंकज कुमार सेठ कुशलगढ़ परिवार ने लिया एवं शास्त्र भेंट का लाभ पंचोली शिरीष, सहगल,तपन कुशलगढ़ निवासी ने लिया। तत्पश्चात मुनिश्री की आहारचर्या समस्त दिगम्बर जैन समाज एवं बाहर से पधार हुए भक्ति गणों द्वारा की गई। तत्पश्चात चातुर्मास में कलश लाभार्थी परिवारों के वहां पर मुनि श्री के सानिध्य में एवं जुलूस के साथ कलश रखें गए एवं समाज का स्वामी वात्सल्य बीस पंथी नोहरे के हाल में हुआ।मुनिश्री की 186 दिवसीय मध्यम निष्क्रिदित व्रत आराधना जिसमें अब तक रद्द 186 उपवास एवं 33 पारणा हुए हैं । जिसका अंतिम पारणा आज प्रातः बीस पंथी नोहरे में हुआ। संचालन महामंत्री हंसमुख लाल सेठ ने किया।
मुनि श्री 108 सुमंत सागर महाराज ने कहा कि कुशलगढ़ का नाम कुशल लोग निवास करते हैं। यहां के समाज जनों युवाओं और प्रत्येक समाज जैन साधु संतों के प्रति और धर्म के प्रति जो समर्पण भाव है उनकी प्रशंसा के शब्द मेरे पास नहीं है। समाज के वरिष्ठ जनों के साथ यहां के युवाओं में संतो के प्रति सेवा के जो भाव है उसकी प्रशंसा नहीं की जा सकती। मुनि श्री ने कहा कि 6 महीने के वर्षावास के दौरान यहां धार्मिक अनुष्ठान और कई अनुष्ठान संपन्न हुए किस में सब की सहभागिता रही।