गंगापुर सिटी। पंकज शर्मा। श्री राम कथा सेवा समिति के तत्वाधान में किरण पैलेस में चल रही संगीत में राम कथा के दूसरे दिन शनिवार को कथा में परम पूज्य आराधना देवी के मुखारविंद से शिव और सती का चरित्र वर्णन किया साध्वी द्वारा श्री राम कथा का वर्णन करते हुए कहा कि महादेव मैया सती को कथा का श्रवण करा रहे थे लेकिन सती माता का राम कथा में मन नहीं लग रहा था हजारों वर्षों के बाद महादेव से मिलन पर सती सोच रही थी की शिव जी महाराज ने मेरा हाल नहीं जाना और कथा सुनाने बैठ गए साध्वी ने कहा कि श्री राम की कथा जो कोई मन से सुनता है उसके दुखों का नाश होता है माता जानकी ने अशोक वाटिका में हनुमान जी से राम कथा का श्रवण किया तो सीता माता का दुखों का नाश हुआ माता सती का मन विचलित था वह आकाश में विमान को जाते हुए देख रही थी तब महादेव से उन्होंने प्रश्न किया कि महाराज यह विमान कहां जा रहे हैं महादेव ने कहा कि यह विमान आपके पीहर राजा दक्ष के यहां जा रहे हैं माता ने कहा क्यों महादेव ने कहा कि आपके पिता यज्ञ करा रहे हैं इस पर माता ने कहा कि आप और हम भी चलते हैं शिव भगवान ने कहा कि हमें निमंत्रण नहीं आया है लेकिन माता नहीं मानी और मायके जाने की जिद करने लगी तब महादेव ने नंदी के साथ सती को भेज दिया सती जी जब यज्ञ स्थल पर पहुंची तब वहां पर उनका किसी ने भी स्वागत नहीं किया जब सती मैया ने देखा कि यज्ञ में सभी देवताओं को स्थान दिया गया है लेकिन महादेव को स्थान नहीं दिया इसे घोर अपमान मानकर सती ने अपने शरीर का त्याग कर दिया सभा में मौजूद भगवान नारायण से वरदान मांगा कि मुझे हर जन्म में महादेव पति के रूप में प्राप्त हो श्री हरि नारायण के वरदान के स्वरूप सती का जन्म हिमालय की गोद में हुआ नारद जी ने उनका नाम पार्वती रखा पार्वती मैया ने कठोर तप करके महादेव को प्रसन्न किया सभी देवताओं ने महादेव की स्तुति कर मां का पार्वती से विवाह करने का अनुरोध किया पूज्य आराधना देवी द्वारा संगीतमय कथा के वर्णन में खचाखच भरे पंडाल में श्रद्धालु बड़े ध्यान से कथा का श्रवण कर रहे और झूम रहे थे शिव पार्वती की सजीव झांकियां ने दर्शकों का मन मोह लिया साध्वी ने कहा कि कथा का श्रवण मन को एकाग्रचित्त करके करना चाहिए इधर-उधर ध्यान नहीं भटकना चाहिए मन से कथा सुनने से सभी दुखों का नाश हो जाता है वहीं माता सती की कथा हमें यह बताती है कि बगैर निमंत्रण के कहीं भी जाना नहीं चाहिए वरना अपमान सहन करना पड़ता है साध्वी द्वारा शिव पार्वती विवाह का वर्णन करते हुए कहा की ब्रह्मा जी द्वारा विनती करने के बाद विवाह का मुहूर्त तुरंत निकला और गणों और भूतों द्वारा महादेव जी को दूल्हा बनाने का श्रृंगार में महादेव की जटाओं का मुकुट बनाकर मणि धारी सांपों को लगाकर भस्म लपेटकर तैयार किया सभी देवताओं के साथ बारात रवाना हुई नंदी पर बैठकर महादेव अपने गणों के साथ चल रहे थे बारात में गण और भूत प्रेत नाच रहे थे इस अलौकिक बारात को देखकर नगर वासी अचंभित होकर रोमांचित हुए कथा आयोजन से जुड़े सुरेश चंद कोचिंग, गोविंद टोकसी ने बताया कि रविवार को श्री राम कथा में मनु शतरूपा प्रसंग राजा प्रताप भानु प्रसंग रावण कुंभकरण जन्म श्री राम जन्म महोत्सव का वर्णन किया जाएगा उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कथा 12:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक रहेगी।