संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा

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संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचिका देवी चित्रलेखा ने भगवान की बाल लीलाओं एवं गोवर्धन पूजा की कथा का कराया श्रोताओं को रसपान

भुसावर- गॉव घांटरी में आयोजित की जा रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचिका देवी चित्रलेखा ने भगवान की बाल लीलाओं एवं गोवर्धन पूजा की कथा का श्रोताओं को रसपान करवाया। कथा आयोजक एवं परीक्षित अंजना देवी और मुकेश शर्मा ठेकेदार द्वारा कथा वाचिका देवी चित्रलेखा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। जहां भगवत प्रेमियों को कथा का रसपान करवाते हुए देवी चित्रलेखा जी ने कहा कि भगवान की लीलाएं मानव जीवन को बहुत कुछ सिखाती हैं। उन्होने गोवर्धन लीला की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान इन्द्र को अभिमान आ गया तो भगवान कृष्ण ने उनके अभिमान को तोडने के लिए वृजवासियों से कहकर इन्द्र की पूजा करना बंद करवा दिया और गोवर्धन पर्वत की पूजा करवाना प्रारम्भ करवा दिया। जहां उन्होने कहा कि हमें प्रकृति, पर्वतों की पूजा करनी चाहिए। ये हमें जीवन जीने के लिए श्वसन देते हैं। जिससे नाराज होकर इन्द्र ने तेज बारिश शुरू कर दी जिससे वृजवासियांे को बचाने के लिए भगवान ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। भागवत कथा के दौरान कई भक्तों द्वारा गौ सेवा के लिए दान पुण्य भी किया। कथा को विश्राम आरती के बाद प्रसादी वितरण करते हुए दिया गया। इस अवसर पर सभी भक्तों का विशेष सहयोग रहा।


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