शाहपुरा|साहित्य सृजन कला संगम के संस्थापक और राजस्थानी भाषा के स्थापित लोक कवि एवं बाल साहित्यकार श्री मोहन जी मण्डेला के नाम से बाल साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित सम्मान इस वर्ष उड़ीसा के श्री विरंचीनारायण दास-कांताबाजी (ओडिशा) को दिया गया। बाल वाटिका के यशस्वी संपादक डॉ.भैरूंलाल जी गर्ग की प्रेरणा से यह पुरस्कार प्रारंभ किया गया। गुलाबपुरा में स्व.श्री यज्ञदत्त जी नागर की स्मृति में बाल वाटिका पत्रिका और विनायक कंस्ट्रक्शन के संयुक्त तत्वावधान में 5-6 अक्टूबर को आयोजित दो दिवसीय 25वें राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में देश के 12 प्रांतों के बाल साहित्यकारों ने भाग लिया। समापन के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर विकास न्यास भीलवाड़ा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण डाड, रामस्नेही संत अर्जुन राम जी महाराज, बाल वाटिका के संपादक डॉ. भैरूं लाल गर्ग, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी लोकेश नागला, सत्यनारायण नागर, वरिष्ठ बाल साहित्यकार लता अग्रवाल-भोपाल, तथा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि एवं केन्द्रीय साहित्य अकादमी से पुरस्कृत साहित्यकार डॉ.कैलाश मण्डेला सहित देश भर के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार उपस्थित रहे। लोक कवि मोहन मण्डेला के नाम पर राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित श्री जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी जयपुर द्वारा भी नियमित पुरस्कार घोषित किया गया था। बाल साहित्यकार समारोह में विविध सत्रों में बाल साहित्य की दशा और दिशा पर कईं सत्रों में गहन विमर्श हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ.रेखा लोढ़ा स्मित ने किया।