गठबंधन की बैसाखी पर चलेगी एनडीए सरकार भाजपा की कश्ती यूपी में डूबी जहां पानी कम था


प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी।  देश में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हैट्रिक तो लग गई लेकिन गठबंधन के दलों की बैसाखी पर आ टिकी भाजपा के 400 पार के नारे के हवाई गुब्बारे की हवा जरूर निकल गई है। अयोध्या के राम मंदिर धारा 370 हाईवे निर्माण और एयरपोर्ट फ्री राशन की जगह मतदाताओं ने महंगाई बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर पीएम को गठबंधन के सहारे ही अब वन मैन शो का तंबू जरूर उखाड़ दिया है। जनमत में लोकतंत्र की स्थापना का नमूना पेश कर मैनपॉवर के स्थान पर जन पावर को प्रमुखता देकर एक मजबूत विपक्ष को भी सामने ला खड़ा कर सही मायनों में लोकतंत्र की स्थापना कर दी है। कहा जाता है कि जब इंसान में हम की जगह मैं ही सब कुछ का गुणगान होने लगे तो समझ लें की पतन निश्चित है। कहने का तात्पर्य यह है कि हर आरोग्य कैंडिडेट भी मोदी के नाम पर लोकसभा की बैतरणी पान करने के सपने देखने लगे। लेकिन मोदी के नाम को मतदाता ने इज्जत तो दिया परंतु अच्छे से भांपा और धूल चटा दी। मतदाताओं ने मोदी के नाम की झूठी माला फेरने वाले कैंडिडेटों से उनकी शक्ति को हर लिया। यही नजारा उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर देखने को मिला। यूपी के 80 सीटों में से 39 वहीं पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में सिर्फ 12 सीटें ही मिल सकी। इसी तरह हरियाणा की 10 सीटों में से पांच और महाराष्ट्र से तथा राजस्थान से भी झटका लगा है। उल्लेखनीय है कि 1994 से पहले का चुनाव इंडिया साइनिंग के नारे पर सवार होकर जीतने की उम्मीद में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई थी। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में अबकी बार 400 पार का नारा देकर अपने कार्यकर्ताओं को जमीन पर उतारा। सभी को लगा कि अकेले मोदी के नाम पर मतदाता कमल के फूल पर अपनी उंगली दबा देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। समझदार मतदाताओं ने भी इस स्थिति को भांपा और अपनी जनपॉवर का बेहतर इस्तेमाल कर सत्ताधारी पार्टी को घुटने पर लाने को मजबूर कर दिया। क्योंकि भाजपा अगर वक्त की नजाकत को देखते हुए गठबंधन के साथियों के साथ नहीं झुकता तो सामने इंडिया गठबंधन भी अपने साथ ले जाने को तैयार दिख रहा था।ऐसे में भाजपा ने साथी गठबंधन को साथ लेकर मजबूरी में सरकार बनाने को तैयार हो गई। क्योंकि भाजपा अपने बूते पर बहुमत का जादुई आंकड़ा 272 तक ना पहुंचकर 245 के इर्द-गिर्द ही घूमती रह गई। अब देखना यह है कि भाजपा का एनडीए की गांठ कब तक महफूज रह पाएगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा। बहरहाल भाजपा नीत गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब जरूर हुई है लेकिन कब तक इसका जवाब तो भविष्य के गर्त में छुपा हुआ यक्ष प्रश्न है बहरहाल यह पब्लिक है सब जानती है।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now