कई ग्राम सचिवालयों में लटक रहा ताला, भटक रहे जरूरतमंद


भौतिक परीक्षण में चकशिवचेर, भटपुरा, सोनवै व महेरा सचिवालय मिला बंद

प्रयागराज। गांव के लोगों को आय,जाति या अन्य प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील या जिला मुख्यालय का चक्कर न लगाना पड़े इसके लिए शासन ने हर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का निर्माण कराया है। प्रति पंचायत भवन पर भारी भरकम रुपए भी खर्च किए गए हैं। पंचायत सहायक भी नियुक्त किए गए हैं लेकिन इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है। हालात यह है कि अधिकतर पंचायत भवनों पर ताले लटक रहे हैं।सरकार की मंशा पंचायत भवन को मिनी सचिवालय के रूप में विकसित करना है जहां ग्रामीणों की फरियाद सुनकर उनकी समस्याएं दूर की जा सके। ग्राम पंचायत के कार्यों को आसान बनाने के लिए पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई है। बावजूद इसके पंचायत भवनों की स्थिति यथावत ही है। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ व जसरा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों की पड़ताल की गई तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। शंकरगढ़ के चकशिवचेर, भटपुरा, सोनवै व जसरा ब्लॉक के महेरा का पंचायत भवन बंद मिला।जहां से विकास विभाग की योजनाएं चलती हैं वहीं के पंचायत भवन में ताला लटकता मिला। स्थानीय ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत का सचिवालय शोपीस साबित हो रहा है। गांव के लोग किसी भी काम के लिए ब्लॉक व तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। गांव के लोगों ने नाम न छापने के शर्त पर चौंकाने वाली बात कही कि जिस ग्राम पंचायत अधिकारी का हमारे गांव में नियुक्ति है हम लोग उन्हें पहचानते तक नहीं।वहीं खंड विकास अधिकारी शंकरगढ़ व विकास अधिकारी जसरा से इस बाबत बात की गई तो बताया गया कि नियमित सचिवालय खोलने के निर्देश हैं कहीं से लापरवाही की बात सामने आई तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी। जब ग्राम सचिवालय से संबंधित ग्राम विकास अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने गोल-गोल जवाब देते हुए एक दूसरे पर पल्ला झाड़ते नजर आए। अब देखने वाली बात यह होगी कि मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही होती है अथवा कागजों में सब चाक चौबंद और जमीनी हकीकत में ऐसे ही ढुलमुल रवैया चलता रहेगा।


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