कितने ही समर्थवान बन जाए अपने से बड़ों का सम्मान करें माता-पिता की आज्ञा ले,आचार्या, आराधना देवी


गंगापुर सिटी|  श्री राम कथा सेवा समिति के तत्वाधान में किरण पैलेस में चल रही राम कथा के आठवें दिवस शुक्रवार को परम पूज्य आचार्या आराधना देवी के मुखारविंद से श्री राम और माता शबरी की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि मतंग ऋषि की शिष्या माता शबरी मैं अपना पूरा जीवन श्री राम के दर्शन के लिए बिता दिया गुरु मतंग ने शबरी से कहा कि मेरा जीवन तो पूरा हुआ लेकिन श्री राम का आगमन एक दिन जरूर आश्रम पर होगा और आप उनके दर्शन करना साध्वी द्वारा माता शबरी का मधुर वचनों से और संगीत से बखान किया और कहा की प्रभु भाव के भूखे हैं माता शबरी के झूठे बेर भी प्रभु राम ने प्रेम से खाएं साध्वी ने श्री राम से हनुमान मिलन की कथा को बड़ी सुंदर ढंग से समझाया सुग्रीव ने देखा कि दो वीर पुरुष धनुष धारी उनके पर्वत की ओर आ रहे हैं तब हनुमान जी को उनकी टोह लेने के लिए भेजा श्री राम और हनुमान मिलन में महादेव प्रसंग सुनाया संगीतमय भजनों पर मंत्रमुग्ध होकर श्रोतागण नाचने और झूमने लगे सुग्रीव से मिलन और बाली का वध करने के बाद सुग्रीव ने अपनी सारी वानर सेना को सीता माता की खोज के लिए चारों तरफ भेजा राम द्वारा हनुमान जी को मुद्रिका का देकर कहा की सीता से मिलने पर पहचान के लिए यह दे देना जामवंत हनुमान अंगद के साथ समुद्र के किनारे पहुंचे गिद्धराज जटायू के भाई संम्पाती ने बताया कि समुद्र में दूर लंका में अशोक वाटिका में माता सीता बैठी है तब सभी वानरों ने समुद्र पार करने में असमर्थता जताई तब जामवंत द्वारा हनुमान जी को उनके बल याद दिलाया और कहा की ऐसा कौन सा कार्य है जो आप नहीं कर सकते आप बुद्धि और बल में श्रेष्ठ हैं समर्थवान है राम काज के लिए ही आपका जन्म हुआ है तब हनुमान जी ने पर्वत समान रूप धारण किया सभी के श्रेष्ठ जामवंत जी से आज्ञा मांगी और हुंकार भर समुद्र में आकाश मार्ग से उड़ान भरी समुद्र के बीच में पर्वत राज ने विश्राम के लिए कहा तो हनुमान ने कहा कि राम काज किए बिना मोहि कहां विश्राम देवताओं द्वारा सुरसा को हनुमान की परीक्षा के लिए भेजा सुरसा को संतुष्ट कर बजरंगबली लंका पहुंच गए लंका गेट पर लंकिनी नाम की राक्षसी को एक मुस्ठिका से मूर्छित किया लंका मैं घुसकर नगरभ्रमण किया विभीषण के भवन पर श्री हरि का नाम देखकर विभीषण से मिले श्री हनुमान द्वारा श्री राम व्यथा वृतांत सुनाकर विभीषण से सीता माता का पता पूछा साध्वी ने अशोक वाटिका में बैठी सीता माता की व्यथा और हनुमान जी द्वारा मुद्रिका का देने का चित्रण किया अशोक वाटिका उजाड़ने पर रावण द्वारा सैनिकों को भेजा मेघनाथ द्वारा हनुमान जी को ब्रह्म पास में बांधकर दरबार लाया गया दूत को दंड स्वरूप हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी हनुमान जी द्वारा लंका को जलाने का प्रसंग सुनाया श्री राम कथा के नौवे दिन शनिवार को अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ, कुंभकरण, रावण वध विभीषण राज्याभिषेक सियाराम लखन का अयोध्या आगमन श्री राम राज्याभिषेक महोत्सव के साथ कथा विश्राम होगा श्री राम कथा आयोजन के मुख्य यजमान मनसुख गर्ग संयोजक दुर्लभ ने बताया कि रविवार को यज्ञपूर्णाहुति के साथ प्रसादी वितरण का कार्यक्रम रहेगा


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