अन्य राज्यों व जिलों से पलायित परिवारों को सहजता से नहीं मिल रहा मूलभूत जन कल्याण कारी योजनाओं का लाभ
बांसवाड़ा।अरूण जोशी ब्यूरो चीफ। जिले पर में रोजगार की तलाश में एवं अन्य कार्यों के लिए बहुत सारे मजदूर अपने परिवारों सहित पलायित कर बांसवाडा जिलों के आसपास क्षेत्र में निवास करते हैं परंतु अधिकांश समय उनको सरकार की मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है जिनमें से प्रमुख के खाद्यान्न वितरण का लाभ। वागधारा संस्था के कमलेश बुनकर द्वारा बताया गया कि टामटिया रोड एवं छिंच रोड पर स्थित परिवारों के द्वारा बताया गया कि हमें यहां पर राशन वितरण का गेहूं नहीं मिल पाता है एवं लेने जाने पर राशन डीलर मन कर देते हैं आपके यहां पर गेहूं नहीं मिलेगा । परिवार के द्वारा बताया गया कि अब बिना व्यक्ति के एवं सत्यापन के गेहूं नहीं मिल पाता है एवं हम राज्य मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। परंतु हमारे घर पर कोई भी वर्तमान में नहीं है हम सभी परिवार के सदस्य बांसवाड़ा जिले में चले आए। अगर हम हर माह गेहूं लेने जाएंगे भी तो हमें बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा।जितना गेहूं मिलेगा उतना तो हमारा किराया ही हो जाएगा। जिस पर उनको आश्वस्त करवाते हुए उन्हें अवगत करवाया गया कि निश्चित तौर पर आपकी समस्याओं को प्रशासन को अवगत करवाते हुए इसका निदान करवाया जाएगा। यह सभी परिवार बड़ी ही विकट परिस्थिति में अपना जीवन यापन करते हैं सर्दी,गर्मी एवं
बरसात किसी भी मौसम में वह अपने परिवार के लालन पालन के लिए यहां पलायन कर रोजगार के लिए इधर-उधर रहते हैं। संस्था के परमेश पाटीदार के द्वारा बताया गया कि सच्चा बचपन, सच्चा स्वराज एवं सच्ची खेती ही हमारा मुख्य उद्देश्य है हमारे द्वारा समस्त परिवारों को पूर्व में भी शिक्षा सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं से प्रशासन के सहयोग से जोड़ा गया है। समय-समय पर हमारे टीम के साथी सरकारी अस्पताल से दवाइयां इत्यादि भी लाकर इन रेबारी भेड़ पालक परिवारों को उनके डेरो पर जाकर उपलब्ध करवाते हैं एवं खाद्यान्न वितरण योजना में प्रशासन के सहयोग से स जुड़वाने का प्रयास किया जाएगा ताकि उनको हमारे यहां भी सुगमता से सरकार की मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सके। हमारे यहां पर पाली, सिरोही, बाड़मेर इत्यादि राज्यों से गडरिया रेबारी समाज हजारों भेड़ों को लेकर कई महीनो तक हमारे यहां पर जीवन यापन करते हैं एवं वह हर प्रकार की समस्याओं का सामना भी करते हैं लेख राम के द्वारा बताया गया कि निश्चित ही अगर हमें भी यहां पर राशन का गेहूं मिल जाए तो बहुत ही बड़ा आसानी हो जाएगी क्योंकि हम यहां आ जाने पर घर पर कोई नहीं होने से हम वंचित रह जाते हैं। केनाराम रैबारी ने बताया की सरकार को हमारे हितों का भी ध्यान प्रमुखता से रखा जाना चाहिए हमें भी समय-समय पर आवास ,शौचालय इत्यादि योजनाओं का लाभ प्रमुखता से दिया जाना चाहिए अब चारागाह बिल्कुल ही काम रहे हैं एवं यह काम भी हमारे लिए आसानी भर नहीं रहा जंगल धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं इसलिए हमें भी इधर-उधर भटकना पड़ता है। पलायित परिवारों में मुकुल भाई अविनाश भाई कविता बहन एवं जमुना बेन के द्वारा यह समस्त इत्यादि लोगों के द्वारा बताया गया। ये जानकारी कमलेश बुनकर ने दी।