भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा, विद्यार्थी मोर्चा एवं बीएपी ने आरक्षण की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

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भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा,विद्यार्थी मोर्चा एवं बीएपी ने आरक्षण की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

बागीदौरा, बांसवाड़ा, अरुण जोशी ब्यूरो चीफ। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा यूनिट-राजस्थान ब्लॉक बागीदौरा, जिला बांसवाड़ा के बैनर तले आर्टिकल 244 (1) क्षेत्र राजस्थान में 5वीं अनुसूची अनुरूप संवैधानिक आरक्षण लागू करने हेतू उपखण्ड अधिकारी, बागीदौरा के मार्फत से महामहिम राज्यपाल महोदय, राजस्थान सरकार जयपुर के नाम सौंपा ज्ञापन। ज्ञापन में बताया कि आर्टिकल 244 (1) क्षेत्र राजस्थान में संविधान की 5वीं अनुसूची के अनुरूप कार्यपालिका द्वारा शासन नहीं चलाया जा रहा है जिससे आदिवासी बेरोजगार आदिवासियों का अपेक्षित विकास प्रभावित हो रहा है। राजस्थान के आदिवासी क्षेत्रों के सर्वागिण विकास के लिए निन्मानुसार निवेदन किया है। यह कि आर्टिकल 244 (1) के अनुसार आदिवासी क्षेत्र में संसद और किसी भी राज्य की विधानसभा में पारित कोई भी सामान्य कानून आदिवासी क्षेत्र की स्थानीय विधि को प्रभावित नहीं करेगें और कोई भी सामान्य कानून आदिवासी क्षेत्र पर लागू नहीं होंगे। आदिवासी क्षेेत्र में 5वीं अनुसूची अनुसार आरक्षण या अन्य विशेष प्रावधान केवल आदिवासी हित में ही बनाये जा सकते है। आदिवासी को छोड़कर किसी भी अन्य वर्ग को आदिवासी क्षेत्र में विशेष छूट या अन्य किसी भी विशेष प्रावधान के लिए निर्देशित नहीं किया जा सकता। 5वीं अनुसूची अनुसार आदिवासियों को विशेष आरक्षण दिया जाए। आर्टिकल 244 (1) के अनुसार आदिवासी क्षेत्र उस राज्य में विशेष एक पृथक यूनिट के रुप में परिभाषित है इसलिए राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं में 5वीं अनुसूची की मूल भावना के अनुरूप 12 प्रतिशत आदिवासी आरक्षण में से आदिवासी क्षेत्र के लिए 6.5 प्रतिशत पृथक आरक्षण के संवैधानिक प्रावधान लागू किए जाए। आर्टिकल 244 (1) आदिवासी क्षेत्र में निवासरत आदिम जाति आदिवासी को विशेष संरक्षण प्रदान करता है और इसके विकास के लिए विशेष छूट प्रदान किये जाने की छूट भी देता है। इसलिए आदिवासी शिक्षित बेरोजगारों को इस प्रावधान के अनुसार सभी प्रकार की सरकारी भर्तियों में अंको की बाध्यता से मुक्त रखा जाए। आदिवासी क्षेत्र में 50 प्रतिशत सामान्य कोटे में सामान्य की निर्धारित योग्यता अनुसार भर्ती के बाद जो सीट शेष रह जाती है उसे आदिवासी अभ्यर्थियों से आदिवासी कोटे की योग्यता अनुसार भरा जाए। आदिवासी क्षेत्र को राज्य में एक पृथक यूनिट मान कर शासित किए जाने के प्रावधान है उक्त प्रावधान को ध्यान में रखते हुए आदिवासी क्षेत्र की समस्त भर्तियों के लिए पृथक भर्ती बोर्ड बनाया जाए जिसके बोर्ड डायरेक्टर और कर्मचारी आदिवासी नियुक्त किए जाए। आर्टिकल 244 (1) के पेरा 5 में लागू विधि के अनुसार आदिवासी क्षेत्र में कार्यपालिका का विस्तार किया जायेगा और कार्यपालिका उसी अनुसार कार्य करेगी लेकिन समस्त जिला अधिकारी गैर आदिवासी होते है जो स्थानीय विधि अनुसार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्य नहीं करते है इसलिए आदिवासी क्षेत्र में समस्त अधिकारी आदिवासी नियुक्त किए जाए और 5वीं अनुसूची की सख्ती के साथ पालना की जाए। इस दौरान भारत आदिवासी पार्टी विधानसभा क्षेत्र बांसवाड़ा से हेमंत राणा, भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा प्रदेश संयोजक रविन्द्र बरजोड़, भारत आदिवासी पार्टी संभागीय अध्यक्ष कलसिंह मकवाणा, बागीदौरा बीसीसी प्रभारी अशोक अड़, भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा बागीदौरा ब्लॉक अध्यक्ष रमेश पटेल, भारत आदिवासी पार्टी ब्लॉक अध्यक्ष प्रभुलाल गरासिया, एडवोकेट विजयपाल हुवोर, मणिलाल निनामा, कैलाश डामोर, दिनेश मसार, दिलीप सिंघाड़ा, निलेश डिंडोर, सुभाष मकवाणा, राहुल पटेल, सोहन लाल वडखिया, सुरेश अड़, दिलीप कलारा, युवा नेता राहुल भूरिया मौजूद एवं कई अन्य पदाधिकारी कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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