नर्सरी बनेगी स्वरोजगार का जरिया – डॉ. कौशिक


भीलवाड़ा|कृषि विज्ञान केन्द्र, शाहपुरा पर भारतीय कृषि कौशल परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय नर्सरी वर्कर विषय पर दक्षता आधारित प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के शुभारंभ पर प्रसार शिक्षा निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर. ए. कौशिक ने बताया कि जिले के युवा नर्सरी मे उद्यमिता विकास द्वारा स्वरोजगार स्थापित कर आमदनी प्राप्त कर सकता है। डॉ. कौशिक ने नर्सरी व्यवसाय मे आय की अपार संभावनाओं पर चर्चा करते हुए पौध विपणन, वित्तीय प्रबन्धन एवं पौघों की प्रजातियों की विस्तृत जानकारी दी।

केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने बताया कि प्रशिक्षण भारतीय कृषि कौशल परिषद् की मार्गदर्शिका एवं पाठ्यक्रम के अनुसार संचालित किया गया। प्रशिक्षण में बागवानी फसलों की उन्नत एवं स्वस्थ पौध उच्च तकनीकी द्वारा तैयार करना, प्रवर्धन विधि द्वारा पौधे तैयार करना, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का प्रयोग, नर्सरी प्रबन्धन, बागवानी हेतु आवश्यक उपकरण तथा नर्सरी में सुरक्षा नियमों का पालन आदि विषयों पर सैद्धान्तिक एवं प्रयोगिक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का मूल्यांकन भारतीय कृषि कौशल परिषद्, नई दिल्ली की टीम द्वारा किया गया जिसमे सफल प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र दिया जायेगा।

प्रशिक्षण प्रभारी एवं उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानियाँ ने सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक रूप से नर्सरी वर्कर के तकनीकी पहलुओं जैसे उन्नत तरीके से नर्सरी उत्पादन, नये पौधे उगाना, सजावटी पौधों का निर्माण, लॉन तैयार करना, गमले तैयार करना, फल वृक्ष लगाने की विधि एवं ग्राफ्टिंग, छत पर बागवानी प्रबन्धन पर विस्तृत जानकारी दी।

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डॉ. दीपक कुमार नोडल अधिकारी कृषि विभाग शाहपुरा ने नर्सरी स्थापना, आवश्यक उपकरण हेतु अनुदान एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। तकनीकी सहायक हेमलता मीणा ने मार्केटिंग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए नर्सरी की स्थापना हेतु आने वाली समस्याओ एवं उनके समाधान के बारे मे जानकारी दी तथा पंजीयन में सहयोग दिया। लेखाधिकारी अजीत सिंह राठौड़ ने नर्सरी व्यवसाय हेतु लेखा संधारण की जानकारी दी। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत ने नर्सरी व्यवसाय हेतु स्थान का चयन, मिट्टी, रासायनिक और जैविक खाद, आवश्यक उपकरण एवं काम करने वाले मजदूरों की आवश्यकता के बारे में चर्चा की। प्रशिक्षण में प्रगतिशील कृषक रूपचन्द धाकड़, परमेश मीणा, रामजस धाकड़, शोभा लाल बैरवा, घनश्याम बलाई सहित 40 कृषकों की सहभागिता रही।


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