कलाम रत्न सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. कलाम के सारथी रहे सीकर से आए चूनाराम रहे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीमती जसकौर मीना ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपभोक्ता संरक्षण मंच की अध्यक्ष कीर्ति जैन उपस्थित रही। सम्मान समारोह में जिले के बौंली, चौथ का बरवाडा़, खण्डार, मलारना डूंगर व सवाई माधोपुर ब्लाक के विभिन्न सरकारी विद्यालयों के 12 एवं 10 वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 25 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को तथा जिले में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 25 प्रतिभाओं को कलाम रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिनमें शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, खेल कूद, वाइल्ड लाइफ, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, पत्रकारिता जगत, मानव जीवन की रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाऐं शामिल थी।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में वतन फाउण्डेशन टीम के मुखिया हुसैन आर्मी ने टीम साथियों के साथ अतिथियों का स्वागत किया। फाउंडेशन महिला विंग मुखिया रूमा नाज़ द्वारा संस्थान के प्रतिवेदन का पठन किया। इस मौके पर वतन फाउण्डेशन की स्थापना से लेकर आज तक किये गये कार्यों की लघु पटकथा दिखाई गई।
कार्यक्रम के दौरान स्टेप बाई स्टेप स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। जबकि कलाम रत्न से सम्मानित होने वाले शिक्षक मोहम्मद नासिर द्वारा दर्शकों को एजुकेशन टु थियेटर के माध्यम से हाथों के हुनर से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। वतन फाउण्डेशन की महिला एवं पुरुष विंग सदस्ययो के मार्गदर्शन में अतिथियों का प्रवेश द्वार पर फूल वर्षा कर माल्यार्पण से स्वागत किया गया।
संस्था के हुसैन आर्मी ने बताया कि संस्था द्वारा विगत दो वर्षों से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर कलाम रत्न अवॉर्ड सम्मान समारोह का आयोजन कर रही है। इस मौके पर अतिथियों एवं सम्मानित होने वाली प्रतिभाओ से खचा खच भरे हाल को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद कलाम साहब के सारथी चूनाराम ने कहा कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक महान विभूति थी, उनके जैसा महान व्यक्तित्व वाला इंसान सदियों में पैदा होता है। चूनाराम ने कहा कि मिसाइल मैन भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर वतन फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई कलाम रत्न अवार्ड समारोह की पहल सराहनीय है। इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजनों से प्रतिभाओं को हौसला मिलता है और उनके कार्याे में ओर भी निखार आता
है।
जिले में महिला सशक्तिकरण की पहचान पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीमती जसकौर मीना ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कलाम साहब की जयंती पर कलाम साहब के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण बातें जो उनकी सादगी और ईमानदारी से जुड़ी रही उन बातों को व्यक्त करते हुए कहा की हर व्यक्ति को कलाम साहब की बातों को जीवन में कहीं ना कहीं उतरना चाहिए। साथ ही उन्होंने वतन फाउंडेशन के कार्यों की सराहना करते हुए वतन फाउंडेशन की विचारधारा से खुश होते हुए कहा कि आज के दौर में सबसे ज्यादा जरूरत ही भाईचारे मोहब्बत और मानवता की है। जो कि समाज में कहीं ना कहीं लुप्त होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हर व्यक्ति अपने घर के दोनों ओर के पांच पांच मकान में रहने वाले लोगों से बहुत अच्छी मोहब्बत और भाईचारे के साथ रहे तो हम एक बेहतरीन समाज का निर्माण कर सकते हैं, और हम फिर से वही पुराना भारत देख सकते हैं। उन्होंने कहा की सबसे ज्यादा जरूरत आज के दौर में महिलाओं व बच्चों के शिक्षा की भी है जिसके बिना हर चीज अधूरी है। श्रीमती जसकौर ने कहा कि यह खुशी की बात है की वतन फाउंडेशन हर क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के साथ सेवा मानवता और भाईचारे के साथ अच्छी पहल कर रहा है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि उपभोक्ता जिला मंच की अध्यक्ष श्रीमती कीर्ति जैन ने भी वतन फाउंडेशन के इस कार्य की तारीफ करते हुए समाज में भाईचारा मोहब्बत और मानवता का संदेश देने की बात कही जिसके तहत वतन फाउंडेशन हर व्यक्ति को एक दूसरे से जोड़ने की भाईचारे की बात कर रहा है।
इस अवसर पर वतन फाउण्डेशन के कार्यक्रम में सहयोग करने वाले भामाशाहों, अतिथियों के साथ ही पत्रकारों, वतन फाऊंडेशन की रीड की हड्डी बन कर दिन रात फाउंडेशन के लिए काम करने वाले टीम कार्यकर्ताओ का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत मे राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन हुआ।
डॉ. कलाम की जयंती पर वतन फाउंडेशन ने पचास प्रतिभाओं को कलाम रत्न अवार्ड से किया सम्मानित
सवाई माधोपुर 16 अक्टूबर। भारत रत्न मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर मंगलवार को सवाई माधोपुर के आलनपुर स्थित एक गार्डन में हमारा पैग़ाम भाईचारे के नाम, थीम पर काम करने वाली वतन फाउंडेशन संस्था द्वारा कलाम रत्न अवार्ड सम्मान समारोह का आयोजिन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ. कलाम के चित्र पट पर पुष्पांजलि एवं भारत के संविधान की उद्देशिका के पठन के साथ हुई।