जिलाधिकारी के निर्देश पर उर्वरक व्यवसायी द्वारा अनियमित व्यवसाय करने पर जिला कृषि अधिकारी ने करायी प्राथमिकी दर्ज


प्रयागराज। जनपद में उर्वरक व्यवसायियों द्वारा अनियमिता पूर्ण व्यवसाय का प्रकरण प्रकाश में आने पर जिलाधिकारी प्रयागराज के निर्देश पर जिला कृषि अधिकारी के०के० सिंह द्वारा वृहस्पतिवार को अपनी टीम के साथ जंघई, प्रतापपुर, प्रयागराज स्थित मे० यादव उर्वरक बिक्री केन्द्र बृजमोहन यादव के प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया गया तथा जिला कृषि अधिकारी द्वारा स्थानीय स्तर पर विक्रेता के सम्बन्ध में जानकारी जुटाने पर प्रकाश में आया कि विक्रेता द्वारा अनाधिकृत व्यक्तियों को अनियमततापूर्ण तरीके से उर्वरकों का विक्रय किया गया है। तथा गैर जनपद में भी उर्वरक वितरण का कार्य किया जाता है एवं भोले-भाले कृषकों को गुमराह कर उनका अगूंठा लगवाकर फर्जी तरीके से पी०ओ०एस० मशीन से स्टाक को खारिज किया जाता है। जाँच करने पर पाया गया कि प्रतिष्ठान की पी०ओएस० मशीन पर 107.935 मी०टन उर्वरक प्रदर्शित हो रहा था। परन्तु भौतिक रूप से उर्वरक की एक भी बोरी उपलब्ध नही थी। जिससे स्पष्ट हो गया कि उर्वरक व्यवसायी द्वारा लगभग 2000 से अधिक बोरी का विक्रय अनियमिततापूर्ण तरीके से किया गया है। उक्त के अतिरिक्त अन्य आवश्यक प्रपत्र यथा-स्टाक एवं विक्रय पंजिका, रेट बोर्ड, कैश मेमों, उर्वरक के बिल/चालान आदि भी उपलब्ध नही थे। उपरोक्त अनियमिततायें पाये जाने पर जिला कृषि अधिकारी द्वारा व्यवसायी के गोदाम को सीज कर दिया गया है तथा जिलाधिकारी महोदय से अनुमति प्राप्त कर एफ०आई०आर० दर्ज करा दी गयी है।जिला कृषि अधिकारी के०के० सिंह द्वारा बताया गया कि जनपद के समस्त व्यवसायियों को पी०ओ०एस० के माध्यम से ही कृषकों को उर्वरकों के विक्रय का कार्य किया जाना है। साथ ही प्रतिष्ठान पर उर्वरकों के मूल्यों को स्टाक एवं रेट बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य है ताकि कृषक भाईयों को निर्धारित दरों पर गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। जिला कृषि अधिकारी द्वारा यह भी बताया गया कि जमाखोरी, कालाबाजारी, ओवर रेटिंग, टैगिंग, बिना पी०ओ०एस० के उर्वरकों की बिक्री, बिना जोत के आधार पर उर्वरक विक्रय, सीमावर्ती जनपद / प्रदेश में उर्वरकों की आपूर्ति / वितरण की स्थिति प्रकाश में आने पर सम्बन्धित दोषी विक्रेता के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराते हुये प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी जायेगी। साथ ही कृषक भाईयों को आश्वस्त किया कि खरीफ में बोयी जाने वाली फसलों हेतु जनपद में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है एवं उसके वितरण हेतु विकास खण्डवार कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है ताकि कृषक भाईयों को सुगमतापूर्वक स-समय उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चत करायी जा सके। कृषक भाईयों से अपील की जाती है कि फसल संस्तुति के आधार पर ही उर्वरकों का उपयोग करें ताकि भूमि की उर्वरता बनी रहे।


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