सच्चे प्रेम की डोर ही नदी को मिलाती है सागर से

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प्रयागराज।सच्चे प्रेम की डोर ही नदी को सागर से मिला देती है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने नवयुवक पत्रकार सोनू शुक्ला एवं विजय शुक्ला से लालापुर के समीप अमिलिया चौराहे पर कही।ज्ञातव्य कराते चले कि जिला मंत्री एवं नवयुवक पत्रकार विजय शुक्ला एवं सोनू शुक्ला से एकदम घरेलू परिवारिक रिश्ते हैं और दोनों ही शुक्ल बन्धु जिला मंत्री को बड़े भाई के रुप में मानते हैं।जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह संसार केवल और केवल प्रेम के वशीभूत हो चल रहा है।एक प्रेम ही संसार में ऐसी अमूल्य निधि है जो एक-दूसरे को जोड़ती चली जाती है जिससे इस जगत का प्राणी एक सरहद में बँधकर अपने दायित्वों का निर्वहन करने लगता है।प्रेम से ही कोई व्यक्ति सच्ची साधना कर ईश्वर को भी प्राप्त कर सकता है।प्रेम के ही वशीभूत हो पशु-पक्षी गुनगुना एवं चहचहा रहे हैं।प्रेम में मन्त्र-मुग्ध हो पेड़-पौधे खिल व चमक रहे हैं।जिला मंत्री ने अपने आध्यात्म चक्षु के ज्ञान उत्सर्जित ज्योति के प्रज्ज्वलित वाणी में वर्णित किया कि सच्चे प्रेम की डोर ही नदी को सागर से मिला देती है।प्रेम के ही वशीभूत हो सूर्य ऊष्मा एवं चाँद अपनी चाँदनी को विखेर रहा है।इस धरती पर खुशहाल जीवन का अर्थ मूलतः प्रेम ही है।इसीलिए कहा गया है कि पायों जी मैनें प्रेम-रतन धन पायों।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि यदि इस संसार में मनुष्य कुछ पाना या बनना चाहता है तो सर्वप्रथम उसे प्रेम-रत्न की प्राप्ति करनी होगी अन्यथा इस संसार में भटकते-भटकते ही जीवन समाप्त हो जाएगा।जिला मंत्री ने यह भी कहा कि आज जो हम मिले है यह केवल प्रेम-रत्न ही तो है जो हमलोगों को यहाँ मिला दिया है।यदि मनुष्य अपने आत्मा में सत्य एवं न्याय को अधिष्ठापित कर सदैव प्रेम के मार्ग का अनुशरण करे तो उसका जीवन सदैव खुशियों से भरा रहेगा।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी एवं भूतपूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष रुप नारायण मिश्रा ने कहा कि जिला मंत्री ने मानव जीवन में खुशियाँ कैसे प्राप्त हो उसे बहुत ही सरल भाषा में सुसंगत ढंग से वर्णित किया है।इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा नित ऐसे-ऐसे ज्ञानों का संचार कराया जाता है जिससे गीता में वर्णित प्रभू श्रीकृष्ण की वाणी साक्षात जिला मंत्री के मुख से प्रवाहित होने लगती है।इस महान दार्शनिक एवं आध्यात्मिक वचनों के दौरान वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण राज सिंह कौशाम्बी सन्देश संवाददाता, शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,रवि कुमार सहित आस-पास बहुत से लोग मौजूद रहे।


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