विंध्यवासिनी मंदिर के सामने खुली मधुशाला लोगों में आक्रोश


सुबह से देर रात तक नियम कानून को ठेंगा दिखा छलक रहा जाम

प्रयागराज। शराब की बिक्री जहां ज्यादा होनी है वहीं ठेके खोल दिए गए हैं इस दौरान नियमों को भी नहीं देखा गया। शराब बिक्री से कमाई के लिए आबकारी नियमों की बलि चढ़ रही है। दुकान आवंटन में शायद आबकारी अधिकारियों व प्रशासन पर उच्च न्यायालय के आदेशों का भी ध्यान नहीं रहा।सीएम योगी का स्पष्ट आदेश है कि धार्मिक स्थलों, स्कूलों के पास शराब की दुकान नहीं खुलेंगी। जब कि उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम के अनुसार कोई भी शराब की दुकान स्कूल धार्मिक स्थल और अस्पताल से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर ही खुल सकती है। लेकिन नगर पंचायत शंकरगढ़ विंध्यवासिनी देवी मंदिर के सामने खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। स्कूल और मंदिर के पास नियम विरुद्ध शराब के ठेके खोलने के विरोध में नगर वासी आक्रोशित हैं।नगर वासियों का कहना है कि बैंक, स्कूल, धार्मिक स्थल, रिहाइसी इलाका के बीच शराब की दुकान खोलने से अराजक तत्वों का जमावड़ा लगेगा जिससे अपराध बढ़ने का खतरा रहेगा। यदि समय रहते प्रशासन ने कार्यवाही नहीं की तो जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी। क्योंकि पास में ही पत्ती देवी कन्या विद्यालय संचालित है, विंध्यवासिनी मंदिर सामने स्थित है और रिहाईसी इलाका है। जहां श्रद्धालुओं स्कूली बच्चों का आना-जाना लगा रहता है। उक्त शराब की दुकान का खुला होना शासन के खिलाफ है। वहीं व्यापारियों व स्थानीय लोगों का कहना है की जांच में आबकारी निरीक्षक ने लीपा पोती कर गलत आख्या भेज दी है। मंदिर से शराब दुकान की दूरी महज 50 मीटर से भी कम है।जबकि शराब की दुकान के 50 मीटर के दायरे के आसपास धार्मिक स्थल और स्कूल संचालित है। आक्रोशित लोगों ने दोबारा पैमाइश करने और गलत आख्या पर आबकारी निरीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग उठाई है। बताया गया कि कंपोजिट शराब की दुकान सुबह 8 बजे से खुल जाती है और देर रात तक शराबी जाम पर जाम छलकाते रहते हैं।अब देखना यह है कि प्रशासन जनता की सुनेगा या शराब माफिया के आगे नतमस्तक रहेगा।

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