पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की जेल से रिहाई का आदेश
कवियत्री मधुमिता हत्याकांड में मिली थी उम्रकैद की सजा 20 वर्षों से थे सलाखों के पीछे
लखनऊ।लखनऊ ब्यूरो। देश का बहुचर्चित कवियत्री मधुमिता हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा करने के आदेश जारी कर दिया गया है।अमरमणि 20 साल से जेल में बंद हैं।कारागार प्रशासन ने अमरमणि को जेल से रिहा करने का आदेश जारी किया है।कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी को उम्रकैद की सजा मिली थी। लखीमपुर खीरी की रहने वाली मधुमिता अमरमणि के संपर्क में आई। इसके बाद उनका रिश्ता प्रेम में बदल गया।इस बीच मधुमिता गर्भवति हो गई और उनपर गर्भपात का दबाव बढ़ा,लेकिन मधुमिता ने गर्भपात कराने से मना कर दिया। 9 मई 2003 को 7 महीने की गर्भवती मधुमिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई।मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला का कहना है कि वो इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट जा चुकी और सुप्रीम कोर्ट में 25 अगस्त को सुनवाई भी है।निधि शुक्ला ने इस बारे में राष्ट्रपति और राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर गुहार लगाई है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों की रिहाई पर विचार करने की सलाह सरकार को दी थी।इसके बाद अमरमणि त्रिपाठी ने भी अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका के आधार पर 10 फरवरी 2023 को रिहाई का आदेश दिया गया था,लेकिन इस आदेश का पालन नहीं होने के बाद अवमानना की याचिका दाखिल की गई और अंतत: 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई का आदेश पारित किया। जेल में अच्छे आचरण के आधार पर रिहाई का आदेश पारित किया गया।