सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन के बलिदान दिवस पर दीपदान का आयोजन

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शाहपुरा| भारतीय सिंधु सभा के आव्हान पर शाहपुरा में पूज्य सिंधी पंचायत ने भारत के पश्चिमी सीमा के अंतिम हिन्दू सम्राट सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन के 1312वें बलिदान दिवस के अवसर पर रविवार को झूलेलाल मंदिर में दीपदान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य व्यक्ति और पंचायत सदस्य उपस्थित रहे।

महाराजा दाहरसेन की जीवनी पर प्रकाश

कार्यक्रम की शुरुआत पंचायत के अध्यक्ष मोहन लखपतानी द्वारा महाराजा दाहरसेन की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए की गई। उन्होंने बताया कि महाराजा दाहरसेन, जिन्हें सिंध का अंतिम हिन्दू शासक माना जाता है, ने अपने राज्य और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनकी वीरता और बलिदान की गाथा आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

दीपदान और श्रद्धांजलि

झूलेलाल मंदिर में आयोजित इस दीपदान समारोह में उपस्थित सभी सदस्यों ने दीप प्रज्ज्वलित कर महाराजा दाहरसेन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान माहौल भक्तिमय हो गया और सभी ने एक स्वर में महाराजा दाहरसेन की वीरता और बलिदान को नमन किया।

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस कार्यक्रम में पंचायत के अध्यक्ष मोहन लखपतानी के साथ-साथ ईश्वरलाल लछवानी, गंगाराम आसवानी, शंकरलाल ठारवानी, सुरेश आसवानी, जितेंद्र मतलानी, चुन्नीलाल, ओम सिंधी, अशोक महाराज, नरेश तोलानी, हरीश कुमार, सुरेश वासवानी आदि मौजूद रहे। सभी ने महाराजा दाहरसेन के बलिदान को याद करते हुए उनकी गौरवमयी गाथाओं का स्मरण किया।

महाराजा दाहरसेन की वीरता का सम्मान

कार्यक्रम में ईश्वरलाल लछवानी ने कहा, ष्महाराजा दाहरसेन का बलिदान हमें हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए जो संघर्ष किया, वह आज भी हमारे लिए प्रेरणा है।ष् गंगाराम आसवानी ने महाराजा दाहरसेन के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए उनकी महानता का बखान किया।

युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा

शंकरलाल ठारवानी ने कहा, ष्महाराजा दाहरसेन की वीरता और बलिदान की कहानियां हमें अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा के लिए प्रेरित करती हैं। हमें इन कहानियों को अपनी युवा पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए ताकि वे भी अपनी संस्कृति और इतिहास पर गर्व कर सकें।ष्

समाज के लिए संदेश

सुरेश आसवानी ने अपने संबोधन में कहा, ष्हमारे समाज को एकजुट होकर महाराजा दाहरसेन के बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी गाथा हमें बताती है कि सत्य और धर्म की रक्षा के लिए हमें किसी भी हद तक जाना चाहिए।ष्

आगे की योजनाएं

कार्यक्रम के अंत में मोहन लखपतानी ने सभी उपस्थित सदस्यों का धन्यवाद किया और इस प्रकार के आयोजनों को निरंतर आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ष्हमारे इतिहास और संस्कृति को जीवित रखने के लिए हमें ऐसे आयोजनों का आयोजन करते रहना चाहिए। यह न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगा बल्कि हमारे समाज को एकजुट रखने में भी मदद करेगा।ष्

इस प्रकार, शाहपुरा में पूज्य सिंधी पंचायत द्वारा आयोजित इस दीपदान समारोह ने महाराजा दाहरसेन की वीरता और बलिदान को याद करते हुए समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। यह आयोजन न केवल उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर बना, बल्कि सभी उपस्थित सदस्यों के लिए प्रेरणादायक और जानकारीपूर्ण भी रहा।


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