भारतीय विद्या मन्दिर बी. एड़. कॉलेज में उन्मुखीकरण कार्यक्रम एवं शिक्षक दिवस मनाया गया

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बांसवाड़ा|भारतीय विद्या मंदिर बी.एड़. कॉलेज में 05 सितंबर शिक्षक दिवस समारोह आयोजित कर मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान सचिव शांतिलाल सेठ ने की।महाविद्यालय प्राचार्य डा. विशाल उपाध्याय ने स्वागत उद्बोधन दि।कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डा. आशा मेहता ने अपने उद्बोधन में विभिन्न अभिप्रेरणात्मक कहानियों के माध्यम से तथा स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारा जीवन सफल, सुफल एवं सार्थक होवे की बात कही। आपने कहा कि शिक्षक अपने शिक्षण मे विषय को जीवन से जोड़ कर पढ़ावे। आपने छात्रों को शिक्षक धर्म की पालना करने का उपदेश दिया। भारतीय संस्कृति ज्ञान प्रदान करने वाली है। शिक्षक मन वचन कर्म से शिक्षक धर्म का पालन करने वाला होना चाहिए।विशिष्ठ अतिथि समाजसेवी डा. मुनव्वर हुसैन ने कहा कि जो सफल हे वही सक्षम है आपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी से जुड़ने की बात कही। आपने आने वाला समय कठिनाईयो और चुनोतियों से भरा है की बात करते हुए इस हेतु हमे स्वय को तैयार करना है।संस्थान सचिव शांतिलाल सेठ ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षक का जीवन छात्र के लिए सदैव अनुकरणीय होता है । शिक्षक का व्यक्तित्व एवं कृतित्व सदैव राष्ट्रीय पटल पर प्रतिबिम्बित होता है, जिसका मूल्यांकन सम्पूर्ण विश्व मे होता है । अत: शिक्षक को सदैव सचेत रहना होगा।महाविद्यालय प्राचार्य डा. विशाल उपाध्याय ने अपने उद्बोधन मे वर्तमान युग को डिजिटल युग बताते हुए सभी को अपडेट रहने की बात कही। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थी रसना मालवीय ने कविता प्रस्तुत की।शिक्षक दिवस पर संकाय सदस्यों का संस्थान एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा बहुमान किया गया। साथ ही द्वि वार्षिय बी. एड़. में नव प्रवेशित प्रशिक्षणार्थियों का तिलक स्वागत एवं बी एड़ पाठ्यक्रम उन्मुखीकरण किया गया। कार्यक्रम मे सर्वाधिक उपस्थिति हेतु प्रशिक्षणार्थी रीना नेनीवाल को, अनुशासन हेतु प्रशिक्षणार्थी पूजा भारती एवं रसना मालविया को तथा मोईन सिंधी को सत्र पर्यंत गतिविधि मे सक्रियता हेतु मोमेंटों एवं प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डा. हेमेन्द्र त्रिवेदी ने तथा आभार आदित्य काले ने व्यक्त किया । कार्यक्रम मे समस्त महाविद्यालय कर्मचारी एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे। ये जानकारी डॉ.कीर्ति आचार्य ने दी।


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