अनमोल मानव तन सबको भगवान के भजन के लिये मिला : पंकज महाराज
जहाजपुर, मूलचन्द पेसवानी/ जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सुविख्यात सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज जी महाराज 33 दिवसीय शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक वैचारिक जनजागरण यात्रा के साथ आज मांडलगढ़ तहसील के गांव महुआ पधारे। ग्रामीण भाईयों, बहनों, बच्चों व बच्चियों ने पुष्पवर्षा, बैण्डबाजा, कलश शोभायात्रा निकाल कर यात्रा का भव्य स्वागत किया। मंच पर संगत राजस्थान के प्रान्तीय अध्यक्ष विष्णु कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हरिनारायण गुर्जर ‘भोपा जी’, उदय लाल स्वर्णकार, दीपक सोनी, भाग चन्द वैष्णव, किशन साहू, दिनेश सुथार, राजू जी तेली ने पुष्पाहार भेंट कर महाराज जी का स्वागत किया।
संस्थाध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज ने अपने सत्संग सम्बोधन में कहा यह अनमोल मानव तन सबको भगवान के भजन के लिये मिला है। इसे महात्माओं ने सच्चा हरि मन्दिर बताया, फकीरों ने जिस्मानी मस्जिद कहा, ईसा मशीह ने टेम्पल ऑफ लिविंग गॉड यानि परमात्मा का जिन्दा घर बताया। परमात्मा जब भी मिलेगा इसी के अन्दर मिलेगा। इसमें दोनों भौहों के बीच जीवात्मा (रूह) विराजमान है। इसमें ऊपरी यानि परासृष्टि को देखने के लिये दिव्य ऑख (तीसरा नेत्र), ऊपर से आ रही आकाशवाणियों, गैवी आवाजों को सुनने का दिव्य कान (तीसरा कान) है। इसके खुलने की युक्ति संत महात्मा जानते हैं। जब ऐसे प्रभु की प्राप्ति करने वाले संत महापुरुष मिल जायेंगे तो आपको उसका भेद बता देंगे। साधना करने पर आपकी दिव्य दृष्टि, दिव्य कान खुल जायेंगे और आप प्रकाश के चौड़े मैदान में खड़े हो जायेंगे, त्रिकालदर्शी हो जायेंगे और मनुष्य जीवन पाने का लक्ष्य पूरा हो जायेेगा। उन्होंने प्रभु प्राप्ति की सरल साधना सुरत-शब्द योग (नाम योग) का उपदेश किया और सुमिरन, ध्यान, भजन करने की विधि समझाया।
उन्होंने गृहस्थ आश्रम को सबसे अच्छा आश्रम बताया, इसमें रहकर गृहस्थाश्रम की भी जिम्मेदारियॉ निभा लेंगे और कुछ समय निकालकर भगवान का भजन भी कर सकेंगे। उन्होंने अपने गुरू महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के वचनों को याद कराते हुये कहा कि ऐ इन्सानों! तुम अपने दीन ईमान पर वापस आ जाओ। इस मनुश्य मन्दिर में बैठकर भगवान की सच्ची पूजा करो, इस जिस्मानी मस्जिद में बैठकर खुदा की सच्ची इबादत करो ताकि तुम्हारी आत्मा (रूह) नर्कों, दोजखो, में जाने से बच जाय।
संस्था प्रमुख ने समाज में बढ़ती हुई हिंसा व अपराध पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि ये नई-नई बीमारियों का कारण अषुद्ध खानपान, खेती में कीट नाषक एवं रासायनिक खादों का बेहद प्रयोग करना है। उन्होंने षाकाहार पर जोर देते हुये कहा कि आप ईंट पत्थर के बनाये हुये अपने मन्दिर को पवित्र रखते हैं तोे भगवान के बनाये हुये मनुश्य मन्दिर में मांस के टुकड़े व षराब के कतरे डालकर गन्दा क्यों करते हो? अभी भी वक्त है उस भगवान से, खुदा से अपने गुनाहों की माफी मांग लें वरना नर्कों-दोजखों की कठोर यातनायें भोगनी पड़ेगी। महापुरुश साधना करके जब ऊपरी मण्डलों में जाते है तो खोटे बुरे कर्मों को करने वाले जीवों को मिल रही कठोर यातनाओं का दृष्य देखते हैं तो द्रवित होकर सचेत करते हैं। सहजोबाई के वचनों को उद्धृत करते हुये कहा ‘‘लौह के खम्भ तपत के मॉही, जहॉ जीव को ले चिपटाही।’’ वहॉ लोहे के खम्भे तपकर लाल हो रहे हैं और उसमें जीव चिपटाये जा रहें हैं। इसी तरह से और भी नर्क है जहॉ जीवों को सजायें मिलती हैं। आगे कहा युवा पीढ़ी नषे की गिरफ्त में आती जा रही है। समाज के सभी प्रबुद्ध जनों व समाज सेवियों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनायें और अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनें, स्वयं षाकाहारी बनें व नषों का त्याग करें। यह आपकी बहुत बड़ी सेवा होगी।
उन्होंने जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय मथुरा में आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आयोजित परम पूज्य बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के गुरू महाराज के 75वें वार्षिक भण्डारा सत्संग-मेला में भाग लेने का सादर निमंत्रण दिया और कहा महापर्व पर पधारें दया दुआ आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस अवसर पर श्याम लाल धाकड़, शैतान धाकड़, ठा. सा अजय सिंह जी, मुकेश जी खटिक सरपंच, राजकुमार जी सेठिया, रणजीत सिंह जी पूर्वसरपंच, महेन्द्र जी वर्मा पू.जि.प.सदस्य, कृष्ण गोपाल सिंह, गुलाब जी सेन, श्याम लाल जी माली, रामचन्द्र जी, गुलाब जी जैन, उमेश जी जोशी, कृष्ण गोपाल सिंह, जितेन्द्र प्रताप, अरविन्द जी शर्मा समाजसेवी, पप्पू जी टेलर, रामलाल जी माली सहित संस्था के कई पदाधिकारी व प्रबन्ध समिति के सदस्य उपस्थित रहे। अगला सत्संग कार्यक्रम कल (आज) तह. बिजौलिया के ग्राम चांद जी की खेड़ी में सायं 4 बजे से होगा।