परमवीर चक्र मनोज पाण्डे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी होने के साथ-साथ दृढसंकल्पित थे


परमवीर चक्र मनोज पाण्डे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी होने के साथ-साथ दृढसंकल्पित थे

वे चाहते तो आईएएस अथवा आईपीएस बन सकते थे। किंतु उन्होंने वर्दी धारण करके देश की सेवा करना तय किया और सेना में कमीशन प्राप्त करने के पश्चात केवल दो वर्ष में उन्हें करगिल में युद्ध का अवसर प्राप्त हो गया। उनकी प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि उन्हें बलिदान के उपरांत परमवीर चक्र प्रदान किया गया।”
उक्त विचार कै.मनोज पाण्डे के बलिदान दिवस पर उनके अनुज डिप्टी मार्शल मनमोहन पांडे स्थानीय महाराणा प्रताप सभागार में आयोजित काव्यांजलि कार्यक्रम में अपने उद्गार प्रकट करते हुए व्यक्त कर रहे थे उन्होंने कहा कि यह उनके बलिदान के पश्चात पहला अवसर है जब राजस्थान के किसी शहर में उनके लिए इस प्रकार अभिनंदन का विलक्षण कार्यक्रम आयोजित करके हमारे देश की वीरता को अलंकृत किया जा रहा है। सतत सेवा संस्थान द्वारा आयोजित काव्यांजलि कार्यक्रम में देश के पूर्व सैनिकों ने ओजस्विता पूर्ण काव्य पाठ किया। विदेश सेवा पदक और स्पेशल सर्विस मेडल से सम्मानित दिल्ली से पधारे कमांडो समोद सिंह ने “सरहदों के पार चाहे मौत हो या जिंदगी, जीत हिंदुस्तान की हर बार होनी चाहिए” पंक्तियों का पाठ किया तो श्रोताओं का सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो गया। कोटा के श्री नरेश निर्भीक ने सरहद पर वीरों के बलिदान और मुस्तैदी की गाथाओं पर कविताएं सुना कर वातावरण में ओज का संचार कर दिया। मेरठ के विख्यात गीतकार सत्यपाल सत्यम ने “युद्धवीर तैयार रहो तुम युद्धवीर तैयार” गीत का पाठ किया तो लगातार तालियों की गड़गड़ाहट होती रही। अंत में कवि सम्मेलन के संचालक कवि योगेंद्र शर्मा ने परमवीर कैप्टन मनोज पांडे की कविता सुनाई तो कई श्रोताओं की आंखें छलक आई। लेफ्टिनेंट दीक्षा सिंह की कविता सुनकर सदन भारत मां के जयकारों से गूंज उठा।
इससे पूर्व सभी सैनिक कवियों को तिरंगा टोली द्वारा सर्किट हाउस से ढोल ढमाकों के साथ कार्यक्रम स्थल पर लाया गया। इस टोली का नेतृत्व चंद्रशेखर शर्मा, शंकर जाट और प्रदीप चौधरी कर रहे थे। विख्यात कला शिरोमणि के जी कदम ने सभागार के मुख्य द्वार पर रंगोली सजाकर सभी अतिथियों का स्वागत किया। किड्स कुडोज विद्यालय के बच्चों ने तिलक लगाकर सभी का स्वागत किया। स्काउट के बच्चों ने अनुशासन और बैठक व्यवस्था में अपना योगदान दिया। नगर परिषद के सभापति राकेश पाठक, एलआईसी के एसडीएम ओमप्रकाश छापरवाल, बीएसएल लिमिटेड के रामदयाल चौधरी और सतत सेवा संस्थान के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा द्वारा परमवीर कैप्टन मनोज पांडे के अनुज मनमोहन पांडे का शाल, पगड़ी, तिलक, श्रीफल और सम्मान राशि के साथ अभिनंदन किया गया। इस दौरान भीलवाड़ा के सेना मेडल प्राप्त मेजर राहुल जीनगर तथा लेफ्टिनेंट दीक्षा सिंह का भी मंच पर सम्मान और हार्दिक अभिनंदन किया गया।
सतत के संस्थापक चंद्रशेखर शर्मा ने स्वागत भाषण के दौरान सभी को सेनामित्र योजना का मंतव्य स्पष्ट करते हुए बताया कि शहीदों और सैनिक परिवारों की सेवा का उद्देश्य लेकर भीलवाड़ा का नाम शीघ्र ही पूरे भारतवर्ष के आसमान पर चमचमाने लगेगा। उन्होंने कहा कि सतत सेवा संस्थान के माध्यम से निःस्वार्थ सेवा का यह प्रकल्प जन-जन तक पहुँचाने का अभियान आज से आरंभ हो चुका है।
निर्धारित समय पर दीप प्रज्वलन के तुरंत पश्चात सतत के समर्पित कार्यकर्ताओं ने सहयोगी अतिथिगण विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी राकेश पाठक, लक्ष्मीनारायण डाड, अक्षय त्रिपाठी, प्रोफेसर करुणेश सक्सेना, दामोदर अग्रवाल, लादू लाल तेली, रामलाल योगी, आजाद शर्मा, कर्नल उदयसिंह सोलंकी तथा सभी पूर्व सैनिकों का श्रीफल, उत्तरीय और तिलक लगाकर भावपूर्ण स्वागत किया। अंत में राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन किया गया।

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-प्रदीप चौधरी
(प्रवक्ता)

सादर प्रकाशनार्थ


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