भगवान के विवाह की वर्षगांठ मनाने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं पाराशर


ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर सीता राम विवाह महोत्सव का हुआ आयोजन

डीग 6 दिसंबर| शहर के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर डीग में आयोजित सीताराम विवाह महोत्सव शुक्रवार को मंदिर मंहत पंडित मुरारी लाल पाराशर के सानिध्य में बड़े हर्ष और उल्लास भक्ति मय वातावरण के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर मंदिर में प्रातः लक्ष्मण जी,राम लला जी एवं उर्मिला जी का गो पंचामृत से अभिषेक कराया गया।और ठाकुर जी को विशेष पोशाक पहनाई गई।गुलाब के फूलों से ठाकुर जी का श्रृंगार किया गया तथा समूह के मंदिर परिसर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया।
इस दौरान मंदिर परिसर में पंडित गणेश पाराशर द्वारा मंत्रउच्चारण के साथ विवाह कराया ।महिला भक्तों ने इस अवसर पर मंगल गीत एवं ठाकुर जी को गाली सुनाई।
इसमौके पर सीताराम विवाह उत्सव पर प्रकाश डालते हुए मंदिर मंहत पंडित मुरारी लाल पाराशर ने कहा कि सीता जी की पचरंगी चुनर एवं राम जी का पीतांबर से गठबंधन गठ जोड़ा हुआ। भगवान भक्ति से बंध गए ।भक्ति भगवान को बांधती है। भक्ति के कारण भगवान को भक्तों के पास आना पड़ता है। जबकि ज्ञान में ज्ञानी को भगवान के पास जाना पड़ता है ।भक्ति स्वतंत्र सकल गुण खानी, बिन सत्संग ना पावही प्राणी भक्ति स्वतंत्र है, सारे गुणों का भंडार है ।परंतु भक्ति सत्संग के द्वारा संतों के संग के द्वारा ही प्राप्त हो सकती है ।इसलिए व्यक्ति को जीवन में सत्संग अवश्य करना चाहिए। सत्संग से ही भक्ति का कल्याण होता है।
पाराशर ने कहा कि भगवान सीताराम का विवाह शाश्वत विवाह है। हम अपने विवाह की वर्षगांठ सभी मानते हैं ।परंतु भगवान के विवाह की वर्षगांठ मनाने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
इस अवसर पर वैध नन्दकिशोर गंधी, सुंदर सरपंच,हरचंद पहलवान, पूर्व पार्षद महेंद्र शर्मा, कैदार सौखिया,प्रहलाद मित्तल,जुगल किशोर खण्डेलवाल,दीवान ठाकुर,रमेश अरोड़ा,हरिओम पाराशर,मुकेश भारद्वाज पिन्टल गुरु,जीतेन्द्र पाराशर,बच्चू सिंह राजपूत,हरेश बंसल,दाऊ दयाल नसवारिया,गोपाल बीड़ी वाले,अशोक नसवारिया,गोरी शंकर पाराशर,वांशिल खण्डेलवाल वीके,सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष भक्त उपस्थित थे।


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