क्वालिटी स्टैण्डर्ड की पालना करना ही प्रोफेशनल की सबसे अहम भूमिका हैं: सीए रोहित रुवाटिया
भीलवाड़ा। दी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के पीयर रिव्यू बोर्ड के तत्वाधान में भीलवाडा शाखा द्वारा शनिवार को एक दिवसीय पीयर रिव्यू ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। शाखा अध्यक्ष सीए सोनेश काबरा ने बताया कि प्रोफेशनल विकास के लिए एवं प्रैक्टिस यूनिट की कार्य गुणवत्ताए आंतरिक कण्ट्रोल आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर सीए सदस्यों का ज्ञान वर्धन करने के उद्देश्यों से एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को पीयर रिव्यू प्रक्रिया और संबंधित मानकों की गहन जानकारी प्रदान करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आइसीएआइ के सेंट्रल कौंसिल मेम्बर सीए रोहित रुवाटिया थे। एवं मुख्य वक्ता सीए विमल चोपड़ा एवं सीए राम अवतार शर्मा थे। मुख्य अतिथि सीए रोहित रुवाटिया ने इस ट्रेनिंग कोर्स के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पीयर रिव्यू का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एस्योरेंस सर्विस असाइनमेंट को पूरा करने में, संस्थान के सदस्य तकनीकी, व्यावसायिक और नैतिक मानकों का अनुपालन करते हैं, जो अन्य नियामक आवश्यकताओं सहित लागू होते हैं और उनके पास एस्योरेंस सेवाओं की गुणवत्ता को पर्याप्त रूप से प्रदर्शित करने के लिए उसके दस्तावेजीकरण सहित उचित सिस्टम हैं। साथ ही बताया कि क्वालिटी स्टैण्डर्ड इस इंस्टीट्यूट की रीड की हड्डी है और उनकी पालना करना ही प्रोफेशनल की सबसे अहम भूमिका हैं। कार्यक्रम के प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता जयपुर से पधारे सीए विमल चोपड़ा ने पीयर रिव्यू का तर्क और महत्व, पीयर रिव्यूअर द्वारा समीक्षा प्रक्रिया और रिपोर्टिंग तथा पीयर रिव्यू में ऑडिट गुणवत्ता परिपक्वता मॉडल का महत्व एवं नैतिक मानकों का अनुपालन आदि पर चर्चा करते हुए बताया कि पीयर रिव्यू पेशेवर काम की गुणवत्ता बढ़ाने, उपयोग किए गए तकनीकी मानकों में पारदर्शिता, विश्व स्तरीय प्रक्रियाओं और तकनीकों के परिणामस्वरूप अधिक विश्वसनीय और उपयोगी ऑडिट और रिपोर्ट के उद्देश्य से है और इसका किसी भी अनुशासनात्मक या किसी अन्य नियामक तंत्र से कोई संबंध नहीं है। साथ में ये भी बताया कि रीव्यूअर को एकाउंटिंग स्टैण्डर्ड ऑडिट स्टेण्डर्ड्स एवं गाइडेंस नोट्स की पालना सुनिश्चित करनी चाहिए। द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता जयपुर से पधारे सीए राम अवतार शर्मा ने पियर रिव्यू की उपयोगिता एवं योजना पर प्रकाश डाला साथ ही ये भी बताया कि रीव्यूअर को एथिकल स्टेण्डर्ड्स की पालना सुनिश्चित करनी चाहिए एवं तकनीकी पेशेवर मानकों का अनुपालन। गुणवत्ता नियंत्रण के सामान्य और विशिष्ट नियंत्रणों के ढांचे का अनुपालन एवं ऑडिट डॉक्यूमेंटेशन का अनुपालन अदि विषयों पर चर्चा करते हुए बताया की प्रोफेशनल्स को अपनी वर्किंग पेपर्स हमेशा सतर्कता से रखने चाहिए और नई टेक्नोलॉजी का भी उपयोग करना चाहिए। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में सीए शिव झंवर, अरुण काबरा, बीबी गुप्ता, रवि नेनावती, राकेश काबरा, लोकेश जैन, प्रदीप बंसल, रतन सिंह तंवर, सारिका काबरा, प्रमिला सोमानी सहित कई सीए सदस्यों ने भाग लिया।