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हाड़ कंपाने वाली ठंड से ठिठुर रहे लोग कागज पर जल रहे अलाव

हाड़ कंपाने वाली ठंड से ठिठुर रहे लोग कागज पर जल रहे अलाव

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत कड़ाके की ठंड से आम जनमानस ठिठुर रहा है। लेकिन प्रशासन की ओर से अलाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। दिसंबर महीने के अंतिम दिनों में ठंड ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। लगातार बढ़ रही ठंड के बीच रेलवे स्टेशन ,अस्पताल, बस अड्डे चौराहा, गांव ,बाजार, सार्वजनिक स्थानों में शासन प्रशासन द्वारा अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं किए जाने से लोगों की निगाहें शासन प्रशासन पर जा टिकी है।बीते एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड से लोगो को ठिठुरते हुए इस क्षेत्र में देख कर प्रशासन आंख बंद कर लेती हैं। बीते कई दिनों से आसमान में बादल छाए रहने के कारण धूप नही निकल रही है। और हाड़ कंपा देने वाली ठंड अधिक बढ़ गई है। इस कारण प्रमुख स्थानों पर लोग ठिठुरते देखे जाते हैं। पिछले कई दिनों से सूर्य के दर्शन नही हुए और पूरे दिन हांड कपाने वाली कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड और कोहरे के चलते वाहनों की रफ्तार भी धीमी हो गई है।भीड़ भाड़ वाले जगहों पर कही भी अलाव जलाए जाने की कोई व्यवस्था अभी तक नही हो सकी है।शासन प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की ठंड से राहत और बचाव में अलाव की व्यवस्था हवा हवाई हो गई है। अलाव खाली सरकारी रिकार्ड में जलाए जा रहें हैं। जमीनी हकीकत कुछ और है। सरकारी कार्यालयों में अधिकतर अधिकारी कर्मचारी हीटर लगा कर रखते हैं इस लिए आम जनमानस के दर्द को यह महसूस कहां से करें। चौराहों से लेकर मार्केट तक कही भी नजर दौड़ाइए तो अलाव की आंच धरातल पर नहीं दिख रही है। रोजमर्रा कमाने खाने वाले, दुकानदार ,फेरी वाले, ऑटो रिक्सा चालक, राहगीर टायर, रद्दी, पुराने कपड़ों, कबाड़ प्लास्टिक व बोरी जलाकर ठंड से बचाव कर रहे हैं। लोगो से बात करने पर पता चलता है की कहीं भी अलाव की व्यवस्था नही की गई खुद ही अपने लिए व्यवस्था करनी पड़ती है। उक्त सभी चौराहों बाजारों कस्बों गावों में हर जगह लोग ठंड से ठिठुरते नज़र आ रहे हैं। रोड किनारे राहगीर, अस्पतालों समेत भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भी अलाव की व्यवस्था नही है। लोग रद्दी कबाड़ व टायर जला कर शरीर को गरम करने की कोशिश कर रहे है और प्रशासन को जम कर कोस रहे हैं। वही ग्रामीण क्षेत्रों में तो अलाव के नामो निशान देखने को नहीं मिलेगे लेकिन फिर भी सरकारी नुमाइंदे अलाव जलाए जाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। दिन के दोपहर में तापमान से सुबह से शाम का तापमान आधे से भी काम आंका जा रहा है। ठंड के अधिक होने के कारण कई लोगों के प्रातः कालीन टहलने के समय पर असर पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों और बच्चों को हो रही है हालात यह है कि शाम ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसारने लगा है। कड़ाके की पड़ रही ठंड के बीच गर्म कपड़े भी ठंड से पूरी तरह निजात दिलाने में नाकाफी साबित हो रहे हैं। गर्म कपड़े पहनने के बाद भी ठंड भगाने के लिए लोगों को आग का सहारा लेना पड़ रहा है। लेकिन ठंड को देखते हुए जलते अलाव की पर्याप्त व्यवस्था अभी तक शासन प्रशासन की ओर से नहीं हो सकी है।