बडोदिया में बग्गियों में निकली पिच्छीका की शोभायात्रा

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भारतीय संस्कृति के भोज्य सामग्री को ग्रहण करें- आर्यिका

गुरू मां बडो के द्वारा दिया गया बड़ोदिया है-आर्यिका

बडोदिया| साधना से संयम के मार्ग पर बढते कदम- अष्टान्हिका महापर्व में सिद्धो की आराधना भक्ति अचर्ना करते व्रत तप करने वाले तपस्वी अनुप जैन को आर्यिका रजतमति माताजी की पिच्छीका प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अनुप जैन व उनकी पत्नी सोनु जैन को पिच्छी का लेने के नाम की घोषणा हुई तो बडी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने इनके संयम साधना की अनुमोदना करते हुए उनको कांधो पर उठाकर भक्ति न्रत्य किया।आर्यिका सुयशम‍ति माताजी की पिच्छीका लेने का सौभाग्य आशिष भैया तलाटी व सुलोचना तलाटी परिवार व आर्यिका उदितमति माताजी की पिच्छीका लेने का सौभाग्य विजेश जैन सुनिता जैन परिवार को प्राप्त हुआ। आर्यिका संघ को जीनवाणी बसंतलाल खोडणिया,मोहनलाल दोसी व केसरीमल खोडणिया परिवार बांसवाडा ने भेंट की। मंगलाचारण शीतल तलाटी ने किया। बाहर से आए अतिथि व सर्व वैष्ण्व समाज के प्रतिनिधियों का समिति अध्यक्ष केसरीमल खोडणिाय व सदस्यों ने स्वागत किया । इससे पूर्व तीनो पिच्छीकों को बग्घीयों लेकर इन्द्र इन्द्राणी व तपस्वी साधना करने वाले अनुप जैन, संयम जैन, नैहा तलाटी शोभायात्रा में शामील हुए। जो नगर भ्रमण के उपरांत आयोजन स्थल पर पहुंची। इससे पूर्व आमंत्रण मौत का मंचन बालिकाओं ने किया जो फास्ट फुड से होने वाली मौतो के बारे में बतलाया। संचालन शुभम भैया व अनिल भैया ने किया।आर्यिका सुयशमति ने कहा कि गुरू मां ने चातुर्मास के लिए बडोदिया दिया मतलब बडोदिया के द्वारा दिया गया ही बडोदिया है। उन्होंने कहा कि एक संकल्प लिया था गुरु से श्रद्धा थी प्रभु के प्रति गुरु के प्रति तो वह एक संकल्प उसकी जीवन में परिवर्तन ले आया और निश्चित रूप से आगे आगामी भाव में मोक्ष को प्राप्त करेंगे इसलिए आपने जो भी संकल्प लिए हैं। आर्यिका उदितमति व रजतमति माताजी ने कहा कि रसना इंद्री के आगे जीव को कुछ नहीं दिखता। महीने में 20 दिन फास्ट फूड का त्याग कर नाटक आमंत्रण मौत का मंचन मंचन किया यह बताने की पिज्जा बर्गर मौत का आमंत्रण है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के भोज्य सामग्री को ग्रहण करें
64 अर्घ्यण चढाए। शाश्वत पर्व अष्टान्हिका महापर्व में सिद्धो की आराधना भक्ति के क्रम में चौथे दिन आर्यिका विज्ञानमति माताजी की परम शिष्या आर्यिका सुयशमति माताजी,आर्यिका उदितमति माताजी व आर्यिका रजतमति माताजी के पावन सानिध्य एवं शुभम भैया शुभांशु बडामहल के कुशल निर्देशन में 64 अर्घ्यप चढाए गए । जिसमें पूर्णार्घ्य बसंतलाल खोडणिया व जयमाला का अर्घ्यल अनिल खोडणिया ने चढाया । इससे पूर्व शांतिधारा संयम राजेन्द्रक जैन व सांय बग्घी में बैठाकर मंदिर तक नितेश जैन पुत्र अम्रतलाल जैन परिवार लाया जहां पर महाआरती की गई ।


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