थाने पर सक्रिय दलाल फरियादी बेहाल ट्विटर पर मचा घमासान

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कमिश्नर साहब शंकरगढ़ थाना से कब खत्म होगा दलालों का अड्डा

प्रयागराज। प्रदेश की योगी सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त शासन की धज्जियां उड़ती दिख रही है बिना रिश्वत के साधारण काम भी मुश्किल होता प्रतीत हो रहा है। जबकि दलालों के माध्यम से साहब को खुश करने के बाद मुश्किल काम भी आसान हो जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण जनपद के यमुनानगर का शंकरगढ़ थाना है। जो इन दिनों दलालों का अड्डा बनकर रह गया है। इसे लेकर आम फरियादी निराश होकर लौट जाते हैं। प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की बात करती है। सरकार द्वारा समय-समय पर बिना बिचौलियों के ही कोई भी काम किए जाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी होते रहते हैं बावजूद इसके शंकरगढ़ थाना दलालों का अड्डा बन कर रह गया है। थाना परिसर में दिनभर दलालों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां कोई भी काम बिना दलालों के संभव नहीं है। साधारण फरियादी थाने का चक्कर ही काटते रह जाते हैं लेकिन उनको आसानी से न्याय नहीं मिल पाता है। जबकि अगर कोई व्यक्ति किसी दलाल के माध्यम से साहब तक पहुंच जाता है तो उसका काम आसानी से हो जाता है। दलालों पर साहबों के मेहरबानी का आलम यह है कि जब कोई दलाल थाना परिसर में जाता है तो उसकी चाय पानी फल फूल से खूब खातेदारी होती है। जबकि न्याय के आस में दौड़ते दौड़ते साधारण लोगों के चप्पल तक घिस जाते हैं मगर स्थानीय थाने से न्याय नहीं मिल पाता है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अधिकारियों के नाक के नीचे इस तरह का खेल कैसे हो रहा है यह एक गंभीर सवाल है। क्या कमिश्नर साहब व यमुनानगर डीसीपी साहब को इन दलालों की सक्रियता के बारे में जानकारी नहीं है? यदि जानकारी है तो फिर कार्यवाही क्यों नहीं होती? आखिर कमिश्नर साहब थाने से दलालों का अड्डा कब समाप्त होगा जिससे आम जन को न्याय मिल सके। बताते चले कि अभी हाल ही में सूत्र व ट्विटर अकाउंट बता रहा है कि शंकरगढ़ थाना दलालों का अड्डा बन गया है। सूत्रों की माने तो कुछ दलालों का आलम यह है कि नींद खुलते ही वह शंकरगढ़ थाना में पहुंच जाते हैं और देर रात तक थाना और उसके आसपास मंडराते रहते हैं। हाल ही में शंकरगढ़ थाना और उनके दलालों की चर्चाएं ट्विटर अकाउंट पर इन दिनों खूब वायरल हो रही है जिससे क्षेत्रीय जनों में दलाली को लेकर घमासान मचा हुआ है। वहीं क्षेत्रीय जनों का कहना है कि पुलिस के उच्च अधिकारी थाने में लगा सीसीटीवी फुटेज खंगाल लें तो सच्चाई खुद व खुद बाहर आ जाएगी जो जांच का विषय बन चुका है।


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