पितृपक्ष 18 से होंगे शुरु, 2 अक्टूबर को समापन

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बौंली, बामनवास। श्रद्धा ओम त्रिवेदी। पंचांग के अनुसार पितृपक्ष 18 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। दो अक्टूबर को अमावस्या एवं अज्ञात तिथि श्राद्ध के तर्पण के साथ पितृ पक्ष का समापन होगा। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होते हैं। पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आत्मा को शांति मिलती हैं। पितरों की पूजा के लिए दोपहर का समय उत्तम होता हैं। जिस दिन श्राद्ध कार्य करते हैं उस दिन ब्राह्मण, गाय, कौवा,चींटी को भोजन कराया जाता हैं। 17 तारीख को ऋषियों के नाम से तर्पण और पूर्णिमा का श्राद्ध किया जाएगा। श्राद्ध पक्ष का आरंभ प्रतिपदा से होता हैं। 18 सितंबर से पिंडदान, ब्राह्मण भोजन, तर्पण, दान आदि कार्य आरंभ हो जाएगा।

ये रहेगी श्राद्ध की मुख्य तिथियां

18 सितंबर बुधवार प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध (पितृपक्ष आरंभ)
19 सितंबर गुरुवार द्वितीया तिथि का श्राद्ध
20 सितंबर शुक्रवार तृतीया तिथि का श्राद्ध
21 सितंबर शनिवार चतुर्थी तिथि का श्राद्ध
22 सितंबर रविवार पंचमी तिथि का श्राद्ध
23 सितंबर सोमवार षष्ठी और सप्तमी तिथि का श्राद्ध
24 सितंबर मंगलवार अष्टमी तिथि का श्राद्ध
25 सितंबर बुधवार नवमी तिथि का श्राद्ध
26 सितंबर गुरुवार दशमी तिथि का श्राद्ध
27 सितंबर शुक्रवार एकादशी तिथि का श्राद्ध
29 सितंबर रविवार द्वादशी तिथि का श्राद्ध
30 सितंबर सोमवार त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध
01 अक्टूबर मंगलवार चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध
02 अक्टूबर बुधवार सर्व पितृ अमावस्या


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