पौष बड़ा उत्सव
बांसवाड़ा, अरूण जोशी ब्यूरो चीफ: राजस्थान की राजधानी के बांसवाड़ा जिले कुशलगढ शहर में हिंदू पंचांग महिना पौष के दौरान मनाया जाने वाला त्यौहार पौष बड़ा महोत्सव मनाया गया। पौष बड़ा नाम का मतलब है! पौष हिंदू पंचांग माह और बड़ा अर्थात दाल की नमकीन पकोड़ी।जयपुर में पौष बड़ा सबसे पहले घाट के बालाजी में श्री बद्रिकाश्रम के महंत श्री बद्री दास जी के सानिध्य में लखी पौषबड़ा महोत्सव सन् 1960 से मनाया गया था। जिसमे बड़ी संख्या में आम आदमी पंगत प्रसादी पाते थे। आज लोग इस त्यौहार को मनाने के लिए दिन का चुनाव अपनी आसानी के अनुसार करते हैं। इस उत्सव को शीतकालीन मौसम के भव्य तरीके से स्वागत करने के लिए मनाया जाता है।मान्यतानुसार, सर्दी के मौसम में चोला की दाल व गेहू के दलिये का हलवा खाने से शरीर को ताकत मिलती है। अतः इस त्यौहार में सर्दी को ध्यान में रखते हुए पकोडे, दाल-बाटी-चूरमा, मल्टीग्रेन खिचड़ी आदि का भोग प्रसाद बनाकर बाँटा जाता है।इस अवसर पर रोहित कुमार,सोनालिका, रामस्वरूप,मुकेश, विनोद,दीपकचंद,
हरिराज,कमलेश, प्रभुदयाल,त्रिवेणी, दयाराम,किरण, मांगीलाल,सुनील बारोडिया,आनंद जैन,समाज सेवी विप्र फाउंडेशन जिला उपाध्यक्ष तिलोत्तमा पंड्या सहित कई भक्त उपस्थित थे।