प्रेक्षाप्रणेता आचार्यश्री महाप्रज्ञजी अध्यात्म के शिखर पुरुष थे – साध्वीश्री पुण्यप्रभाजी


प्रेक्षाप्रणेता आचार्यश्री महाप्रज्ञजी अध्यात्म के शिखर पुरुष थे – साध्वीश्री पुण्यप्रभाजी

सवाई माधोपुर 17 जून। श्रीजैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा आदर्शनगर के तत्वावधान में तेरापंथ धर्मसंघ के दसवें अधिष्ठाता प्रेक्षाप्रणेता युगप्रधान आचार्यश्री महाप्रज्ञजी का 104वां जन्मदिवस युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री पुण्यप्रभाजी ठाणा-4 के सानिध्य में रामकुंवार साधना भवन, जवाहर नगर, बजरिया में प्रज्ञा दिवस के रूप में मनाया गया।
जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा आदर्शनगर के मन्त्री नरेन्द्र जैन सूरवाल ने बताया कि अध्यात्म जगत के महामनीषी आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के जन्मदिवस समारोह प्रज्ञा दिवस का शुभारंभ साध्वीश्री निर्मल प्रभाजी व डॉ. जिनयशाजी के महाप्रज्ञ अष्टमक संगान से हुआ। इस अवसर पर सभा अध्यक्ष धर्मराज जैन, रामप्रसाद जैन रेंजर, रतन लाल जैन आलनपुर, चंद्रप्रकाश जैन श्यामोता, नरेन्द्र जैन झंडे वाले, अनिल जैन एडवोकेट, अशोक जैन खटूपुरा आदि ने अपने महत्वपूर्ण विचारों की अभिव्यक्ति दी। इस अवसर पर वर्धमान स्थानकवासी महिला मंडल की बहिनों ने अभिनन्दन गीत की सुमधुर प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर धर्मसभा को उद्बोधित करते हुए साध्वीश्री पुण्यप्रभाजी ने कहा कि आचार्यश्री महाप्रज्ञजी अध्यात्म जगत के शिखर पुरुष थे। उन्होंने अपनी जागृत प्रज्ञा से जन जन के कल्याण हेतु प्रेक्षाध्यान पद्धति का आयाम प्रस्तुत किया। खाद्य संयम व क्रोध विजय को व्यवहार जगत में अपना कर अनूठा जीवंत मार्गदर्शन प्रदान किया। उनके द्वारा दिये गए जीवन विकास के सूत्रों को अपना कर हम स्व व पर कल्याण कर सकते है।कार्यक्रम का काव्यमय कुशल संचालन साध्वीश्री निर्मलप्रभाजी ने किया।


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