मुख्य विकास अधिकारी ने उद्यम रजिस्ट्रेशन अभियान का किया शुभारंभ
प्रयागराज। दिनांक 01 जून 2023 को उद्यम रजिस्ट्रेशन (यू.आर.सी.) अभियान का शुभारम्भ गौरव मोहन, मुख्य विकास अधिकारी, प्रयागराज के कर कमलों द्वारा जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, प्रयागराज में किया गया। सर्वप्रथम उपायुक्त उद्योग लालजीत सिंह द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्य विकास अधिकारी का स्वागत किया गया। उपायुक्त उद्योग द्वारा उद्यम रजिस्ट्रेशन अभियान के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई कि 01 जून से 15 जून 2023 तक यू0आर0सी0 पोर्टल पर पंजीयन का अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। उद्यमी स्वयं, जन सेवा केन्द्र अथवा सी0एस0सी0 के माध्यम से अपनी इकाई को यू0आर0सी0 पोर्टल पर पंजीयन कर सकते हैं। यू0आर0सी0 प्राप्त उद्यमी को दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत सूक्ष्म इकाईकर्ता को रूपये 5.00 लाख तक की बीमा सहायता दिये जाने की व्यवस्था है तथा टेण्डरों में ई0एम0डी0, अनुभव तथा टर्न ओवर में छूट प्राप्त होगी साथ ही उद्यमी द्वारा सप्लाई के भुगतान लम्बित रहने पर फैसिलिटेशन काउंसिल द्वारा 18 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान कराने की व्यवस्था है। सभी लाभार्थीपरक योजनाओं में यू0आर0सी0 पार्टल पर पंजीकृत लाभार्थी को वरीयता दी जायेगी। इस प्रकार ऐसे सभी उद्यमी जो अन्य विभागों में पंजीकृत हैं या पहले से उद्योग विभाग में उद्योग आधार अथवा मेमोरण्डम भाग-2 में पंजीकृत हैं वे सभी पुनः यू0आर0सी0 पोर्टल पर अपना पंजीयन कराने का कष्ट करें।मुख्य विकास अधिकारी श्री गौरव मोहन द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि सभी छोटे उद्यमी एवं दुकानदार उद्यम रजिस्ट्रेशन करा कर सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उद्योग विभाग द्वारा चलाये जा रहे रजिस्ट्रेशन अभियान में अधिक से अधिक उद्यमी पंजीयन करायें। उन्होंने उद्यमी संघों से अहवान किया कि इस अभियान में अपने स्तर से उद्यमियों को जागरूक करते हुए रजिस्ट्रेशन कराने हेतु प्रेरित करें। रजिस्ट्रेशन अभियान को सफल बनाने हेतु उन्होंने समस्त तहसीलों एवं ब्लाक स्तर पर कैम्प लगा कर पंजीयन कराने का भी सुझाव दिया।कार्यक्रम में जनपद से उद्यमी संघों के प्रतिनिधि जी0एस0 दरबारी, श्री विनय टण्डन, राजीव नैयर, एसव केव जैन, नटवर लाल,मुरारी लाल, जगदीश गुलाटी सम्मानित उद्यमी, इन्द्रजीत सिंह पटेल निर्यातक, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी तथा हस्तशिल्पी आदि उपस्थित थे।
राजदेव द्विवेदी