Prayagraj : शंकरगढ़ क्षेत्र में वाशिंग प्लाटों में भूगर्भ जल का जबरदस्त दोहन

Support us By Sharing

जल संचय की उचित व्यवस्था को दरकिनार कर रोजाना करोड़ों लीटर पानी की हो रही बर्बादी आखिर जिम्मेदार कौन।

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ क्षेत्र में सिलिका सैंड वाशिंग प्लाटों में भूगर्भ जल का जबरदस्त दोहन किया जा रहा है। शिल्का सेंड धुलाई के लिए स्थापित वाशिंग प्लाटों में रोजाना करोड़ों लीटर भूगर्भ जल का दोहन हो रहा है इससे भूगर्भ जलस्तर के मामले में इलाके के क्रिटिकल श्रेणी में आने की आशंका बढ़ती जा रही है। जब की वैध वाशिंग प्लाटों के आसपास ग्रीन बेल्ट विकसित किए जाने चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा आखिर सवाल ये उठता है कि बिना ग्रीन बेल्ट के इन प्लाटों को अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना मुश्किल होता है, पानी के रिसाइकल करने के लिए वाशिंग प्लाटों में रिचार्ज पिट भूगर्भ जल कितना निकाला जा रहा है उसके लिए वाटर फ्लो मीटर की स्थिति, धुलाई के लिए सेडिमेंटेशन टैंक की स्थिति होनी चाहिए। एनजीटी की गाइडलाइन को ताक पर रखकर वाशिंग प्लांट संचालित किए जा रहे हैं रोजाना करोड़ों लीटर भूजल का दोहन कर जल को बर्बाद किया जा रहा है। जल है तो कल है मगर इस सूक्ति को दरकिनार कर जल संचय की उचित व्यवस्था नहीं है। जबकि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को गहराते भूगर्भ जल के गिरते स्तर से लेकर वाशिंग प्लांटों के संचालन में नियम शर्तों के उल्लंघन, जल व वायु प्रदूषण को लेकर उच्च स्तरीय जांच समय रहते समय समय पर करना चाहिए मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा।

 राजदेव द्विवेदी


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *