शासनादेश के सभी शर्तों को नजरअंदाज करने पर तुले आपूर्ति निरीक्षक बारा -बीडीसी
6 माह से निलंबित है नेवरिया गांव का कोटा, खुली बैठक में कोटा आवंटित करने की ग्रामीण कर रहे मांग
प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ के ग्राम सभा नेवरिया में ठीक से राशन वितरण नहीं होने के मामले में आपूर्ति निरीक्षक बारा की लापरवाही सामने आ रही है। ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि आपूर्ति निरीक्षक बारा द्वारा मृतक आश्रित अनुकंपा नियुक्ति में सभी नियमों को ताक पर रखकर शासनादेश को ठेंगा दिखाते हुए अपने चहेते कोटेदार को कोटा आवंटित कराने की फिराक में शासनादेश के सभी शर्तों को नजर अंदाज कर रहे हैं। जबकि कोटेदार छोटेलाल कि 11 दिसंबर 2022को मृत्यु हो चुकी है और मृतक की उम्र 75 वर्ष पार कर चुकी है मृतक के ऊपर 2013 में अपराधिक मुकदमा भी पंजीकृत हुआ है जिलाधिकारी के द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत होना चाहिए, जबकि 5 अगस्त 2019 को जारी शासनादेश में साफ तौर पर निर्देश पारित किए गए हैं कि मृतक कोटेदार की ख्याति अच्छी हो और उसके एवं उसके परिवार के ऊपर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज ना हो तभी सहानुभूति पर मृतक आश्रित अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है। क्षेत्र पंचायत सदस्य ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों की सहमति पर मेरे द्वारा कई बार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई एक दशक से ज्यादा हो गए मृतक कोटेदार के नाम कागजों पर कोटा दर्ज है जबकि हकीकत यह है कि कोटेदार द्वारा स्वयं कोटा नहीं चलाया जाता रहा तीसरे व्यक्ति के द्वारा कोटा का उठान होता था और खाद्यान्न वितरण होता रहा मृतक छोटेलाल सिर्फ नाम के कोटेदार थे। आपूर्ति निरीक्षक बारा की अड़ियल मनमानी रवैया से आज भी नेवरिया ग्राम पंचायत का खाद्यान्न वितरित नहीं हो पा रहा है खुलेआम उच्च अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं जबकि ग्राम पंचायत से ही खाद्यान्न वितरित करने का आदेश पारित है। लेकिन आपूर्ति निरीक्षक बारा योगी सरकार की छवि को धूमिल करने पर आमादा हैं।छोटेलाल की मौत हो जाने के बाद कोटा निलंबित हो गया था। तभी से ग्रामीण कोटा बदलवाने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण एवं अंत्योदय कार्ड धारक अब पैदल 5 किलोमीटर दूर जाकर खाद्यान्न पा रहे हैं जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए कहा कि गांव में खुली बैठक कराकर किसी ईमानदार व्यक्ति को सरकारी राशन की दुकान आवंटित की जाए जिससे सभी पात्रों को खाद्यान्न का लाभ मिल सके। इस बात को आपूर्ति निरीक्षक भी अच्छी तरह जान रहे हैं फिर भी जानबूझकर लापरवाही कर रहे हैं जिसकी वजह से ग्रामीणों को खाद्यान्न का लाभ पाने में परेशानी हो रही है। इस मामले में एक बार भी आपूर्ति निरीक्षक ने ग्रामीण हित में कार्य नहीं किया और ना ही नेवरिया ग्राम सभा के सरकारी राशन की दुकान बदलवाने एवं फिर से खुलवाने का प्रयास किया। मामले को लेकर कई बार आपूर्ति निरीक्षक बारा को अवगत भी कराया लेकिन समस्या का निस्तारण आपूर्ति निरीक्षक के द्वारा नहीं किया जा रहा है।
R. D. Diwedi