पीपीजीसीएल प्लांट के जिम्मेदार जानकर भी बने अनजान
प्रयागराज। पीपीजीसीएल द्वारा ग्रामीणों को शुद्ध मीठा पानी उपलब्ध करवाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर गांव में आरो प्लांट लगाया गया था। आरो प्लांट बंद रहने के कारण ग्रामीणों को इस आरो प्लांट का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। पावर प्लांट से प्रभावित गांवों में आधा दर्जन से ज्यादा आरो प्लांट लगे हुए हैं उनमें से एक-दो को छोड़कर बाकी सब खराब पड़े हैं।शंकरगढ़ के जोरवट गांव के ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा आरो प्लांट तो लगा दिया गया लेकिन ग्रामीणों को पानी नहीं मिलने के कारण पानी के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में आरो प्लांट लगने से ग्रामीणों में शुद्ध व मीठा पानी उपलब्ध करवाने की आस जगी थी लेकिन इस आरो प्लांट में ठंडा पानी की तो दूर की बात यहां पर पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है। वहीं पीपीजीसीएल के कर्मचारी लोगों की वाह वाही लूटने के नाम पर छाता बांट रहे हैं। दशकों पहले जब शंकरगढ़ क्षेत्र में पावर प्लांट लगाया जाना था तो आसपास के ग्रामीणों को तमाम सपने दिखाए गए थे मगर वह सपना सपना रह गया साकार ना हो सका।लेकिन सच्चाई यह है कि इस योजना में पावर प्लांट के अधिकारियों के द्वारा बड़े पैमाने पर जो भ्रष्टाचार किया गया है अगर उसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए तो कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। आगे ग्रामीणों ने कहा कि कई आरो प्लांट खराब पड़े हैं जो आरो प्लांट चालू है उनको पीपीजीसीएल कंपनी के द्वारा ही दिन में दो से तीन बार पानी को बेंच कर गाढ़ी कमाई की जा रही है, ऐसा भी नहीं की विभागीय उच्च अधिकारियों को जानकारी नहीं है बावजूद उसके कार्यवाही ना होने की वजह से आरो प्लांट के पानी का खेल बदस्तूर जारी है। मजे की बात तो यह है कि स्वास्थ्य भवन के बाउंड्री को तोड़कर जोरवट गांव में आरो प्लांट लगा दिया गया जबकि स्वास्थ्य भवन में कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी पानी नसीब नहीं है यहां तक की लंबा सफर तय करके पीने का पानी लाना पड़ रहा है।
राजदेव द्विवेदी

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