Prayagraj : दोहरी शताब्दी पूर्ण करने कीओर हिंदी पत्रकारिता कई चुनौतियां अब भी बरकरार


हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर पत्रकारों ने एकजुट होकर कई मुद्दों पर की चर्चाएं

प्रयागराज। मंगलवार 30 मई 2023 को हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर विकासखंड शंकरगढ़ के प्रेरणा दीदी कैफे में पत्रकारों ने एकजुट होकर कई मुद्दों पर चर्चाएं की। आपातकाल और अघोषित आपातकाल भी भारतीय प्रेस ने और हिंदी पत्रकारिता ने देखे हैं, तमाम बाधाओं प्रतिबंध और प्रतिकूल परिस्थितियों के बाद भी भारतीय पत्रकारिता ने अपनी विकास यात्रा तय की। आने वाले वर्ष 2026 में हिंदी पत्रकारिता 200 वर्षों की हो जाएगी। भारतीय लोकतंत्र के संरक्षण और संवर्धन में पत्रकारिता प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक का महत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में अपना अलग महत्व रखने वाला समाचार पत्र उदंत मार्तंड हिंदी का प्रथम समाचार पत्र 30 मई 1826 को कोलकाता से साप्ताहिक समाचार पत्र के रूप में प्रकाशित हुआ। इसका प्रकाशन जुगल किशोर शुक्ल ने किया था। इसके प्रथम अंक की 500 प्रतियां प्रकाशित की गई थी। समाचार पत्र प्रत्येक मंगलवार को प्रकाशित होता था। उदंत मार्तंड समाचार पत्र 4 दिसंबर 1827 को बंद हो गया बंद होने का प्रमुख कारण ब्रिटिश शासन का असहयोग रहा।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले समस्त पत्रकार बंधुओं को हिंदी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी गई। इस मौके पर पत्रकार राजदेव द्विवेदी, आलोक गुप्ता, संदीप सिंह, लवलेश द्विवेदी व शिवम शुक्ला मौजूद रहे।

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 राजदेव द्विवेदी


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