श्रोता हुए भावविभोर,संत शिवम जी महाराज ने कहा- राम से भी बड़ा है,राम का नाम।
प्रयागराज।जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी की कृपा पात्र शिष्य शिवम जी ने श्रीराम कथा के प्रथम दिन कथा सुनाया। उन्होंने कथा को आगे बढ़ते हुए कहा कि राम नाम तो अविनाशी है। दुनिया इधर से उधर हो जाए, सब कुछ बदल जाए पर यह राम नाम ज्यों का त्यों यूं ही सदा बना रहेगा। इस राम नाम की महिमा कभी भी कम नहीं होगी बल्कि दिन-प्रतिदिन इसकी महिमा बढ़ते ही जाएगी।
राम की महिमा अपरम्पार।
राम की महिमा अपरम्पार है। राम खुद कह गए राम से बड़ा राम का नाम। तो जो बात स्वयं राम कह गए वो कैसे गलत हो सकती है। दरअसल, जीवन का आधार ही राम नाम है। हर जगह राम नाम की महिमा का गुणगान है। राम सिर्फ एक नाम नहीं है। राम नाम सबसे बड़ा मन्त्र है। राम नाम की महिमा तो ये है की सदाशिव भोले शंकर भी राम नाम जपते रहते हैं। इसी नाम का वो हर प्रहर जाप करते रहते है। संसार चल ही राम नाम से रहा है। सूर्य, चन्द्रमा, अग्नि, वायु सभी में जो शक्ति है वह राम नाम में समाहित है।
भगवान शिव व पार्वती की सुनाई कथा।
भगवान शिव व पार्वती का मूल स्वरूप श्रद्धा व विश्वास है। शब्द ब्रह्मा होता है और शब्द को संभाल कर बोलना चाहिए। जीवन में अभिमान की शून्यता आ जाए तो श्रद्धा अपने आप आ जाएगी। उन्होंने कहा कि जीवन में राम नाम का बहुत महत्व है। जीवन के हर पल और हर क्षण में राम नाम चलन रहता है।
बच्चे के जन्म में श्री राम के नाम का सोहर होता है। विवाह आदि मांगलिक कार्यों के अवसर पर श्री राम के गीत गाए जाते हैं। यहां तक कि मनुष्य की अंतिम यात्रा में भी राम नाम का ही घोष किया जाता है। राम सब में बड़े हैं तथा राम में शिव और शिव में राम विद्यमान हैं। श्री राम को शिव का महामंत्र माना गया है और राम सर्वमुक्त हैं। राम सबकी चेतना का सजीव नाम है।मौके पर पंकज ओझा,रामजानकी जनकल्याण समिति अध्यक्ष शिवेंद्र पांडेय,विश्व हिन्दू परिसद अध्यक्ष चंद्र निधान पांडेय,अखिलेश मिश्रा,राजेन्द्र पांडेय,मुनेश्वर पांडेय,दिनेश पांडेय, राजू पांडेय,लाला पांडेय,राज भवन पांडेय,यस पांडेय,आर्यन पांडेय,रामू तिवारी,ननका पंडित,निखिल आदि प्रभु भक्त मौजूद रहे है।
राजदेव द्विवेदी