शाहपुरा जिला रद्द करने का विरोधरू 28 दिनों से जारी आंदोलन उग्र, महापड़ाव में उमड़ा जनसैलाब


शाहपुरा रहा ऐतिहासिक बंद

शाहपुरा जिला पुनः बनाने की मांग को लेकर शाहपुरा की जनता का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में पिछले 28 दिनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन आज तीव्र हो गया। सोमवार देर रात त्रिमूर्ति चैराहे पर विधायक डा. लालाराम बैरवा के कटआउट को हटवा दिया। कटआउट हटाने के बाद उसे टुकड़ों में तोड़कर जमकर आतिशबाजी की गई, जिसे लोगों ने आंदोलन की बड़ी उपलब्धि माना।

ब्लैक डे के रूप में बंद रहा शाहपुरा

मंगलवार को संघर्ष समिति के आह्वान पर शाहपुरा में संपूर्ण बंद का आयोजन किया गया। इसे ‘ब्लैक डे’ के रूप में मनाया गया। मेडिकल स्टोर यूनियन सहित करीब 60 संस्थाओं ने इस बंद को अपना समर्थन दिया। जय मेवाड़ टैक्सी यूनियन के सहयोग से स्कूली बच्चों को स्कूल नहीं ले जाया गया, जिससे स्कूल भी बंद रहे। पूरे शाहपुरा में सन्नाटा छाया रहा और जनता ने विरोध में एकजुटता दिखाते हुए अपनी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे। निजी स्कूल भी बंद रहे।

महापड़ाव और जनसभा का आयोजन

संघर्ष समिति के संयोजक रामप्रसाद जाट व अभिभाषक संस्था के अध्यक्ष दुर्गालाल राजौरा ने बताया कि दोपहर को महलों का चैक जनसभा का केंद्र बना, जहां काफी तादाद में लोग एकत्र हो रहे है। जनसभा के बाद शाहपुरा की सड़कों पर जन आक्रोश रैली निकाली जायेगी। इस रैली में जनता ने नारेबाजी करते हुए शाहपुरा को पुनः जिला बनाने की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया जायेगा। प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से चैराहों और मुख्य मार्गों पर पुलिस बल तैनात किया। शाम को पूरे शाहपुरा में ब्लैकआउट का आयोजन किया जायेगा, जिसमें लोगों ने ताली और थाली बजाकर अपना विरोध दर्ज करेगें। संघर्ष समिति और शाहपुरा अभिभाषक संस्थान के सदस्यों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारी की थी।

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विधायक के रवैये से जनता में नाराजगी

संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि शाहपुरा को जिला भंग किए जाने के बाद से ही स्थानीय विधायक डॉ. लालाराम बैरवा ने आंदोलनकारियों से वार्ता करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। उनके कटआउट को त्रिमूर्ति स्मारक के पास हाई मास्ट लाइट पर लगाने को लेकर जनता में भारी आक्रोश था। कटआउट को लेकर जनता ने पहले नगर परिषद आयुक्त और पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। प्रशासनिक कार्रवाई न होने पर संघर्ष समिति ने कोर्ट में इस्तगासा दायर किया। इसके बाद बढ़ते विरोध के चलते रविवार देर रात कटआउट को हटा दिया गया। कटआउट हटाने के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और इसे हटाते ही जमकर आतिशबाजी की गई। कटआउट के टुकड़ों को तोड़कर जनता ने अपनी नाराजगी व्यक्त की।

जनता की एकजुटता और आंदोलन की शक्ति

शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामप्रसाद जाट अध्यक्ष दुर्गालाल राजौरा ने जनता की एकजुटता की सराहना की और कहा कि यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने सरकार से मांग की कि शाहपुरा को पुनः जिला घोषित किया जाए, अन्यथा आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। इस आंदोलन ने न केवल शाहपुरा में, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है। संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।


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