संस्कृत भारतीय जयपुर का प्रांत सम्मेलन आयोजित

जयपुर 1 सितम्बर। संस्कृत भारती जयपुर प्रांत का प्रांत सम्मेलन परिष्कार महाविद्यालय सभागार में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में मुख्य वक्ता के तौर पर संस्कृत भारती के अखिल भारतीय पत्राचार प्रमुख हुलास उपस्थित रहे। वहीं सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर परिष्कार महाविद्यालय के निदेशक डॉ राघव प्रकाश, संस्कृत भारती के जयपुर के प्रांत अध्यक्ष हरिशंकर भारद्वाज भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि संस्कृत सनातन संस्कृति की संवाहक है। संस्कृत प्राणी मात्र को सांस्कृत करती है। संस्कारित करती है। संस्कृत है तो भारतीयता जीवित है। देव भाषा संस्कृत के प्रचार-प्रसार और उन्नयन के लिए संस्कृत भारती द्वारा व्यापक स्तर पर किए जा रहे कार्य अद्वितीय हैं। शर्मा ने कहा कि संस्कृत आदिकाल से हमारी बौद्धिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, साहित्य, दर्शन तथा विज्ञान का अनमोल भंडार है। यह केवल परंपराओं की भाषा नहीं है, अपितु हमारी प्रगति और पहचान की भाषा भी है।
विधायक ने संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए विधायक कोष से प्रति वर्ष 25 लाख रुपए देने की घोषणा की। वहीं बनीपार्क में शुरू हो रहे नवीन महाविद्यालय में संस्कृत विषय रखने की बात कही।
कार्यक्रम में संस्कृत भारती के पदाधिकारियों के नवीन दायित्वों की भी हुई घोषणा जिसमें आचार्य महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर महाराज जयपुर महानगर के अध्यक्ष नियुक्त किए गए।
समारोह के अंत में जयपुर प्रांत मंत्री कृष्ण कुमार ने अथितियों का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए जीवन पर्यंत सेवारत रहे रैवासा धाम के पूज्य संत अग्र पीठाधीश्वर स्वामी 1008 डॉ राघवाचार्य वेदांती महाराज को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभी अतिथियों ने संस्कृत संभाषण साहित्यिक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

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