1984 के बाद से इलाहाबाद सीट पर नहीं खुला कांग्रेस का खाता आखिरी बार कांग्रेस को अमिताभ बच्चन ने इस सीट से दिलाई थी जीत
प्रयागराज।इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कुंवर उज्जवल रमण से मतदान से पहले ही लोग सवाल कर रहे है कि प्रयागराज 52 संसदीय सीट से जनता सपा से दो बार के पूर्व सांसद पिता के सर पर ताज पहनाया। लेकिन जनता के लिए सांसद ने वक्त समय नहीं दिया और ना ही पलट कर कभी गांव देखने गए ऐसा गांव के लोगों का कहना है। 2024 के चुनाव में सपा के दिग्गज ने साइकिल की सवारी छोड़कर हाथ का दामन थाम लिया तो कांग्रेस जो खुद डूबती हुई जहाज है उनके पार्टी के नेताओं में भगदड़ मची हुई है ऐसे में उज्जवल रमण पर पार्टी ने भरोसा जताया। और अब पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया अब उज्जवल रमण के लिए जीत की राह बड़ी कठिन दिख रही है।यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि यह अस्त हो चुके हैं बीते 10 साल पूर्व इनके पिताजी के सांसद रहते हुए ना किसी गांव में विकास हुआ ना कोई काम हुआ। इंडिया गठबंधन प्रत्याशी से 5 साल नदारद रहने का कारण मतदाता पूछ रहे हैं। ऐसे में अब देखना है कि उज्जवल रमण सिंह क्षेत्र की जनता के दिल को जीत पाते हैं या जनता उनको नकारती है यह आने वाली 25 मई को चुनाव के दिन साफ हो जाएगा है। बताते चलें कि इलाहाबाद सीट से कांग्रेस 40 वर्ष से लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई है।यहां से फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन ने 1984 में कांग्रेस को जीत दिलाई थी। 1989 के चुनाव में जनता दल से छोटे लोहिया के नाम से विख्यात सपा नेता जनेश्वर मिश्र ने कांग्रेस प्रत्याशी कमला बहुगुणा को हराया था यानी 1989 से अब तक के हुए हर चुनाव में कांग्रेस पार्टी या तो तीसरे स्थान पर रही या चौथे स्थान पर रही। हाला कि उज्जवल रमण सिंह करछना विधानसभा सीट से दो बार विधायक भी रह चुके हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के पियूष रंजन निषाद ने 9328 मतों से हराया था। बता दें कि इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र में शहर का पुराना इलाका और व्यापारियों का गढ़ वाला हिस्सा आता है। इसके अलावा शहर पश्चिमी का कुछ हिस्सा भी इसमें आता है। शेष यमुनानगर का पूरा ग्रामीण क्षेत्र जिसमें विधानसभा करछना,मेजा, कोरांव और बारा शामिल है। यह वह क्षेत्र है जहां मुख्य रूप से ब्राह्मण,वैश्य, कायस्थ मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इनके बाद चौथे नंबर पर मुस्लिम मतदाता है। सिर्फ कोराव विधानसभा क्षेत्र ऐसा है जहां एससी-एसटी और पिछड़ी जाति की आबादी ज्यादा है। फिलहाल जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 2 लाख 45 हजार ब्राह्मण, 55 हजार ठाकुर भूमिहार, 2 लाख 50 हजार दलित, 1 लाख एससी एसटी, 1लाख 50 हजार वैश्य, 80 हजार मौर्य और कुशवाहा, 40 हजार पाल,1 लाख 25 हजार निषाद बिंद, 1 लाख विश्वकर्मा और प्रजापति व अन्य जाति के दूसरे वोटर हैं।