यूपी बोर्ड की केंद्र निर्धारण नीति पर शंकरगढ़ क्षेत्र में उठ रहे सवाल

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यूपी बोर्ड की केंद्र निर्धारण नीति पर शंकरगढ़ क्षेत्र में उठ रहे सवाल

प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा में बनाए जाने वाले परीक्षा केंद्रों को लेकर शंकरगढ़ क्षेत्र में सवाल उठाए जाने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो सवाल यह उठ रहा है कि शासन की नीतियों को खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए एक ही प्रबंध तंत्र अथवा प्रबंधक के भाई या माता-पिता का विद्यालय होने से एक ही विद्यालय में परीक्षा केंद्र बना दिया गया है। बोर्ड ने जो परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति जारी की है उसमें ऐसे ही प्रावधानों पर सवाल उठने लगे हैं। छात्र-छात्राओं की संख्या के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल का खेल किसी से छिपा नहीं है। चहेतों को पास कराने के लिए नकल माफिया परीक्षा केंद्र निर्धारण से ही सक्रिय हो जाते हैं। मन माफिक कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए हर शर्तें चुटकी बजाते पूरा करा लेते हैं। और अफसर उनकी मुराद पूरी करने में नियमों को धता बता देते हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण शंकरगढ़ क्षेत्र के एक ही परिवार के प्रबंध तंत्र व प्रबंधक पर यूपी बोर्ड परीक्षाओं का सेंटर दिया गया है। जबकि इस पर अंकुश लगाने के लिए योगी सरकार ने केंद्र निर्धारण का जिम्मा बोर्ड मुख्यालय को सौंपा। निर्देश हुआ की बोर्ड के कॉलेजों से सूचनाएं लेकर कंप्यूटर के जरिए उसका निर्धारण किया जाए। सबसे अहम यह है कि परीक्षा नीति में हर बार पहले राजकीय सहायता प्राप्त और फिर वित्त विहीन को मौका देने का आदेश होता था लेकिन हर वर्ष केंद्र बनाने में वित्तविहीन ही आगे रहते हैं।


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