जेल में चैथ वसूली का पैसा जिनके खातों मे गया उनको आरोपी नहीं बनाया – राजा भैया
टोंक 20 नवम्बर। जिला जेल मे बंदीयो को डरा धमकाकर एवं उन्हें प्रताड़ित कर उनसे व उनके परिजनों से अवैध चैथ वसूली के मामले में खुलासा कर मुकदमा दर्ज कराने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट एवं हिंदुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय प्रमुख राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भईया ने बताया कि इस मामले में जिन लोगों के खातों में पैसा गया टोंक पुलिस द्वारा उनको आरोपी ही नहीं बनाया गया है।
राजा भैया ने बताया कि टोंक जेल मे अवैध चैथ वसूली की जानकारी उन्हें हवालाती बन्दी जितेन्द्रसिंधी जीतू व अन्य कई बंदियों ने दी थी, इस प्रकरण मे पुलिस ने उनकी शिकायत पर तत्कालीन आई जेल आलोक वशिष्ट की अनुशंसा पर गैंग बना कर जेल मे बंदियों व उनके परिजनों से अवैध चैथ वसूली करने वाले अन्य तीन जेल तत्कालीन बंदियों मेघराज चैधरी, रामपान्डे, राजेश चायवाला व जेल मे सामान सप्लाई करने वाले डेरी संचालक कमलेश खंडेलवाल को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध अदालत मे भादस. की धारा 384, 120 बी के तहत ही चार्ज सीट दाखिल की है और अपनी चार्जसीट व जाँच रिपोर्ट मे एसओजी जयपुर द्वारा जाँच के उपरांत यह भी तथ्य अंकित किए और स्वीकारा है कि पूरे प्रकरण मे जो मोबाईल फोन नम्बर पुलिस को दिए गये थे उन सात लोगों के फोनपे, पेटीम व अन्य इलेकट्रोनिक माध्यमो से जुड़े बैंक खातों मे लगभग 27,66,000 (सत्ताईस लाख छियासट हजार) रूपये ट्रांसफर कर जमा कराये जाने की पुस्टि जाँच मे हुई है। परन्तु जिन लोगों क्रमशः रामजीलाल प्रजापत, लोकेश मीणा, शिवराज धुलिया, रविकुमार पांडे, वर्तीका अग्रवाल, शंकर पुत्र रामलाल व सावंर मल जाट आदि के खातों मे यह पैसा ट्रांसफर हुआ है उन्हें टोंक पुलिस ने आरोपी ही नहीं बनाया है और अदालत मे चार्ज शीट दाखिल कर दी।
राजा भैया ने बताया कि उन्होने न्यायिक मजिस्ट्रेट टोंक की अदालत मे इन् फोन उपयोगकर्ता व बैंक खाता धारको को भी आरोपी बनाने और पुनः जाँच कर पूरक आरोप पत्र दाखिल कराने हेतु प्रार्थना पत्र दायर किया है। इसके साथ साथ आरोप पत्र मे शिकायत अनुसार भा.द.स की अन्य धाराओ 383, 385, 323, 341, 506, 342, 351, 352, 374, 119 व 120 भी जोड़ने की गुहार लगाई है।