असंतुलित आहार का बताया महत्व शिशु के पहले 1000 दिन पर दिया जोर
नदबई|महिला एवं बाल विकास कार्यालय के तत्वावधान में गुरुवार को पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य समुदाय के लाभार्थी वर्ग को संतुलित आहार, गर्भवती महिलाओं को पोषण और शिशु के पहले 1000 दिनों के पोषण के महत्व के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत जागरूकता रैली के साथ हुई, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। रैली के माध्यम से स्थानीय लोगों को यह संदेश दिया गया कि स्वास्थ्यमय जीवनशैली के लिए पोषण युक्त आहार अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बाल विकास परियोजना अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह ने की। उन्होंने अपने कहा कि “समाज की नींव तभी मजबूत होगी जब हमारे बच्चे और महिलाएं स्वस्थ होंगे। इसके लिए हमें उपलब्ध खाद्य सामग्री को अपनाकर संतुलित आहार की ओर कदम बढ़ाना होगा।
इस अवसर पर AAO-II मनीषा चौधरी ने पोषण संबंधी योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने शिशु के शुरुआती 1000 दिनों को ‘गोल्डन पीरियड’ बताते हुए इस अवधि में विशेष देखभाल और पोषण की आवश्यकता पर बल दिया।
इस मौके पर महिला पर्यवेक्षक वर्षा, शर्मिला, चन्दा शर्मा, उमा सिंह, प्रेमवती, निशा अग्रवाल और निशा चौधरी समेत अनेक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं भी कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल रहीं।