युगीन साहित्य प्रवाह संस्थान के तत्वाधान में राममय काव्य गोष्ठी एवं कारसेवक सम्मान समारोह आयोजित
रामत्व का जागरण ही राम होना हैं-माली
भीलवाड़ा 29 जनवरी। रामत्व का जागरण ही राम होना हैं, राम सकल चराचर में हैं और सब उनसे ही हैं ! यह विचार मुख्य वक्ता डॉ. शंकरलाल माली ने श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थान युगीन साहित्य प्रवाह द्वारा कारसेवक सम्मान समारोह संजीवनी आश्रम हरणी में व्यक्त किए !
संस्थान के जिलाध्यक्ष मनीष भट्ट के अनुसार कार्यक्रम दो सत्रों में हुआ जिसमें प्रथम सत्र राममय काव्यगोष्ठी में संरक्षक गोपाल लाल दाधीच, सत्येंद्र मंडेला, दीनदयाल जोशी, जगजितेंद्र सिंह, संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष सतीश कुमार व्यास, सूरज पारीक, रामावतार रिणवा, प्रदेश सचिव योगेश दाधीच, रोहित कुमार विश्नोई, अमिता पारीक सहित अन्य वरिष्ठ साहित्यकारों ने रचनाएं-विचार प्रकट किए !
इसी प्रकार द्वितीय सत्र में कारसेवा से प्रत्यक्षतः जुड़े रहे
डॉ. शंकरलाल माली, ओमप्रकाश बुलिया, हरिश्चंद्र भट्ट, शांतिलाल जैन, रवि जाजू, काश्मीर भट्ट, संत नमन स्वामी ने आंदोलन समय के संस्मरण प्रकट किए ! युगीन प्रवाह संस्थान के ओमप्रकाश छीपा, डॉ. अवधेश जौहरी, चन्द्रेश टेलर, प्रकाश पाराशर, प्रशांत चतुर्वेदी, पुखराज सोनी, महेश दाधीच, शिवलाल कुमावत, शंकर कुमावत, अतुल पारीक सहित अन्य सदस्यों ने 1990 और 1992 की अयोध्या कारसेवा में सम्मिलित रहे कारसेवकों का स्वस्ति वाचन के साथ
फूलमाला व उपरना पहनाकर एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर अभिनंदन किया। कार्यक्रम संचालन रोहित कुमार विश्नोई ने किया !
इन कारसेवकों का हुआ सम्मान
अभिनन्दन कार्यक्रम में ललित शंकर अवस्थी, हरिश्चंद्र भट्ट, रविंद्र मानसिंहका, चन्द्रसिंह जैन, कुलदीप दाधीच, ओमप्रकाश बुलिया, शांतिलाल जैन, सूर्यप्रकाश दाधीच, कैलाश चन्द्र शर्मा, गिरीश पाटोदिया, सूर्यप्रकाश बोहरा, बद्रीलाल जाट, बाबूलाल सैन, गुणवंत सोनी, चंद्रप्रकाश तिवारी, हरिशंकर पाराशर, सुशील पगारिया, बद्रीलाल सोमानी, नन्दकिशोर शर्मा, चंद्रशेखर दाधीच, हीरालाल जीनगर, गोवर्धन माली, सुरेश सुवालका, सहित 30 कारसेवकों का अभिनन्दन किया गया !
इस अवसर पर युगीन साहित्य प्रवाह संस्थान संस्थान के सदस्यगण और कारसेवक उपस्थित रहे।