हिसामडा हनुमान मेला में उमडे श्रद्वालु
भजन सध्यां व भण्डारे के साथ मेला का समापन
भरतपुर|श्री हिसामडा हनुमान भक्त मण्डल,श्री हनुमान सेवा समिति एवं बालाजी मेला कमेटी के द्वारा गांव हिसामडा स्थित श्री हनुमान व ठाकुर बाबा मन्दिर पर पण्डित ओमप्रकाश शर्मा व महन्त तनु शर्मा के सानिध्यं में तीन दिवसीय हनुमान मेला का आयोजन हुआ,मेले में भारी सख्यां में श्रद्वालुओं ने भाग लेकर मन्दिर के दर्शन किए और पूजा-अर्चना कर विश्वशान्ति,परिवार कल्याण व सुखशान्ति की कामनाए की। साथ ही एक रात ठाकुर बाबा के नाम कार्यक्रम के तहत भजन सख्यां हुई,जिसमें मथुरा,आगरा,जयपुर,भरतपुर,नगर आदि स्थान के गायक-गायिकाओ ने भजन की प्रस्तुतियां दी,वही बाबा के भक्तों ने सामुहिक 111 हनुमान चालिसा के पाठ किए। मेलार्थी व भक्तों ने तीन दिवसीय रामायण पाठ,श्री हनुमान यज्ञ,भण्डारा,कीर्तन आदि में शामिल होकर भण्डारे की पंगत प्रसादी ग्रहण कर मेला का समापन हनुमान,ठाकुर,कालू बाबा आदि के जयकारे और महाआरती से किया। जिसके मुख्य अतिथि पूर्व सांसद व भरतपुर लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप कोली एवं विशिष्ठ अतिति पशुपालन विभाग बीकानेर के सेवानिवृत संयुक्त निदेशक रामप्रकाश नायक,पूर्व जिला प्रमुख द्वारिकाप्रसाद गोयल,सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट प्रेमचन्द शर्मा,गाजियाबाद के भगवानदास,जयपुर के सुनील लाटा,जीतेन्द्र शर्मा,सत्येन्द्र चैधरी रहे। अध्यक्षता उत्तरप्रदेश पिछडा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष व पूर्व विधान परिषद सदस्य रामपाल यादव ने की। पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली ने कहा कि मेला एवं सामुहिक कार्यक्रम भाई चारा व प्रेम के प्रेतीक है,ऐसे आयोजन से देश,समाज व परिवार में एकता कायम और अखण्डता कायम रहती है। साथ लोगों में देश व समाज के प्रति लगाव और सेवा के भाव जागरूक होते है। मन्दिर के सेवक सन्तोष उपाध्याय व रामदयाल चैधरी ने बताया कि 27 अप्रेल से गांव हिसामडा के हनुमान व ठाकुर बाबा मन्दिर पर हिसामडा बालाजी मेला का आयोजन हुआ,जिस मेले में दिल्ली,मुम्बई,जयपुर,आगरा,गाजियाबाद,अलवर,भुसावर,हलैना, वैर, बयाना, बेरी, नदबई, मथुरा,गोर्वधन,वृन्दावन,लखनऊ,कानपुर आदि स्थान के भक्तों सहित आसपास के दो दर्जन से अधिक गांव के लोग शामिल हुए। मेला कमेटी एवं समिति के द्वारा यज्ञ, प्रवचन,रामायण पाठ,मुख्य दरबार,भजन सख्यां,भण्डारा आदि कार्यक्रम हुए। इस अवसर पर जीतेन्द्र शर्मा,देवेन्द्र भण्डारी,बाॅबी सिंह बेरी,भीम सिंह पटेल,राजेन्द्र सहना, प्रदीप सैनी,भानू पथैना आदि का विशेष योगदान रहा। संचालन सुनील कुमार लाटा ने तथा आभार भीम गुर्जर ने किया।