पर्यावरण पर गंभीर खतरे की चेतावनी
भरतपुर| बयाना रूपवास क्षेत्र में तेजी से फैलते अवैध खनन के खिलाफ शनिवार को राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध गांव सालाबाद में राष्ट्रीय सचिव सुरेन्द्र कसाना के नेतृत्व में हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
सुरेन्द्र कसाना ने बताया कि बंशी पहाड़पुर और बंध बारैठा क्षेत्र की पहाड़ियाँ अवैध खनन माफियाओं की लापरवाही का शिकार हो रही हैं। पहाड़ों से पत्थरों का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है, जिससे न केवल स्थानीय पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि जल स्रोतों, जैव विविधता और वन्य जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने कहा कि माफिया ट्रको और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के जरिए बड़े-बड़े पत्थरों की ढुलाई कर बयाना स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र में इन्हें बेचा जा रहा है। खनिज और वन विभाग के साथ-साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन की चुप्पी इस अवैध कारोबार में मिलीभगत की ओर इशारा करती है।
पर्यावरणीय खतरे और प्रशासनिक चुप्पी
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार का अवैध खनन न केवल भौगोलिक असंतुलन पैदा करता है बल्कि बारिश के पानी के संग्रहण, भूजल स्तर और जंगलों के प्राकृतिक तंत्र को भी नुकसान पहुंचाता है। बयाना क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में हो रहा यह खनन लंबे समय तक जारी रहा तो इसके दुष्परिणाम दूरगामी होंगे।
मुख्यमंत्री को ज्ञापन, जन आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शन से पहले शुक्रवार को रालोद ने बयाना एसडीएम दीपक मित्तल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें अवैध खनन की तत्काल रोकथाम और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई। कसाना ने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो राष्ट्रीय लोकदल जन आंदोलन शुरू करेगा।
खनन माफिया में मचा हड़कंप, कार्यवाही की उम्मीद
लगातार बढ़ते जन विरोध और मीडिया की रिपोर्टिंग के चलते अब खनन माफियाओं में हलचल तेज हो गई है। भरतपुर जिला कलेक्टर सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को भी ज्ञापन की प्रतिलिपि भेजी गई है, जिससे अवैध खनन पर कार्रवाई की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
निष्कर्ष
बयाना रूपवास क्षेत्र की जनता अब इस अवैध खनन के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठा रही है। प्रशासन को चाहिए कि समय रहते इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान ले, ताकि पर्यावरण, जन स्वास्थ्य और सामाजिक ताने-बाने को और अधिक नुकसान न पहुंचे।
प्रदर्शन के दौरान यशपाल कसाना ,सुरेंद्र फौजदार ,अरविंद कसाना, दीपक गुर्जर, महेंद्र प्रजापत, शंकर फौजदार, सी पटेल, रामेश्वर पटेल ,नादान मोहन, चंद दास, बाबा चतुर्भुज, मुकेश प्रजापत, सुरेश,आदि मौजूद रहे।