धू-धू कर जला रावण अधर्म पर हुई धर्म की विजय

Support us By Sharing

कौन है रावण और कब तक जलेगा?आओ मनोविकारों को जलाए

प्रयागराज। न्याय की अन्याय पर सदाचार की दुराचार पर धर्म की अधर्म पर गर्व की अहंकार पर अच्छाई की बुराई पर सत्य की असत्य पर और अंधकार पर उजाले के विजय का प्रतीक विजयदशमी का पर्व मंगलवार को हर्षो उल्लास से क्षेत्र में मनाया गया। इस दौरान जगह-जगह रावण के साथ ही उसके पुत्र मेघनाथ वह भाई कुंभकरण का पुतला दहन किया गया। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने जैसे ही रावण के पुतला में आग लगाई पूरा रामलीला मैदान जय श्री राम के जयकारों से गूंज उठा इसके पूर्व राम रावण के भयंकर युद्ध का भी दर्शकों ने लुफ्त उठाया। क्षेत्र के विभिन्न स्थानों परनव दिनों से चल रही रामलीला के समापन अवसर पर मंगलवार को रावण का वध किया गया। रामलीला मैदानों में रावण वध देखने के लिए इस तरह भीड़ उमड़ी की पांव रखने भर की जगह नहीं बची।आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को हम बुराई के प्रतीक रावण को जलाकर विजयादशमी दशहरा का पर्व मनाते हैं।आज के ही दिन प्रभु राम ने बुराई के प्रतीक रावण का वध किया,आज के ही दिन माँ भगवती ने आसुरी शक्तियों के पोषक महिषासुर का वध और आज के ही दिन पांडवों ने अज्ञातवाश के दौरान अपने शस्त्र निकालकर बुराई रूपी कौरवों पर विजय पाने के लिए पूजा अर्चना की थी।मन नही भरा इसीलिए तो युगों-युगों से हम रावण को जलाते आ रहे हैं लेकिन रावण कौन है? रावण मनोविकारों का संग्रह व असीम भोग का प्रतीक है, जो दशों इन्द्रियों के अनियंत्रित उपभोग को प्रदर्शित करता है। जब मन और बुद्धि भी इन इन्द्रियों की अनुचर बन जाती हैं तब भोग ही जीवन का सर्वस्व उद्देश्य बन जाता है और इस भोग के लिए संयम, शान्ति, संतुलन, संतोष, मर्यादा सबका परित्याग कर सोने की लंका की आकांक्षा बन जाती है। भोग की अनियंत्रित भावना की गर्जना ही रावण है।जब मन मे राम बसते हैं रावण का वध तभी होता है और राम किसके मन मे बसते हैं रमन्ते योगिनः यस्मिन् स रामः।जिसमें योगी लोगों का मन रमण करता है उसी को राम कहते है यानी राम को रमाने के लिए योगी बनना होगा।जब मर्यादा, शक्ति और संयम का जागरण होता है तभी राम का बोध होता है और राम का बोध हुए बिना रावण नही मरता जब राम का बोध हो जाता है तो रावण का स्वमेव वध हो जाता है।अतः ईष्या, काम ,भोग ,लोभ असंतुलन और मनोविकारों को जलाकर मन में संयम शांति संतोष ,शक्ति और मर्यादा का जागरण कर रावण का वध करे।


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *