क्षेत्रीय वन अधिकारी एवं वनरक्षक, चार लाख इकसठ हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार


जयपुर 19 मार्च। एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इन्टेलीजेन्स युनिट उदयपुर इकाई द्वारा कार्यवाही करते हुये धीरेन्द्र सिंह पुत्र रामगोपाल सिंह निवासी नादसा जागीर, तहसील रायपुर जिला भीलवाडा हाल क्षेत्रीय वन अधिकारी, कार्यालय क्षेत्रीय वन अधिकारी रेंज उदयपुर (पश्चिम) वन मण्डल उदयपुर एवं अब्दुल रउफ (रूआब) पिता अब्दुल रज्जाक निवासी, रजा नगर सवीना, जिला उदयपुर हाल वनरक्षक कार्यालय क्षेत्रीय वन अधिकारी रेंज उदयपुर (पश्चिम) वन मण्डल उदयपुर 4,61,000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक पुलिस रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इन्टेलीजेन्स युनिट उदयपुर को एक शिकायत इस आशय की मिली की परिवादी फर्म द्वारा वन विभाग उदयपुर में कालामंगरा-सी व बोरमाल-सी क्षेत्र में मृदा कार्य एवं लवकुश वाटिका उदयपुर क्षेत्र में गार्ड चौकी व टिकिट विंडो का कार्यादेश होने पर परिवादी द्वारा उक्त अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करवाये जा रहे है। परिवादी ने बताया की उक्त अलग-अलग क्षेत्र में वर्तमान समय तक जितना काम करवा चूका हूँ उसका वन विभाग से भौतिक सत्यापन करवाने के पश्चात् अलग-अलग राशि के बिल पेश किये गये थे जिसकी लगभग कुल राशि 34,43,000 रूपये है। उक्त समस्त बिलों का भौतिक सत्यापन होने के पश्चात् धीरेन्द्रसिंह क्षेत्रीय वन अधिकारी द्वारा बिलों को पारित करने की एवज में परिवादी से 10.60 प्रतिशत रिश्वत राशि कमीशन के रूप में डी.एफ.ओ. मुकेश सेनी व सी.सी.एफ. सेडूराम यादव के लिये तथा 12.40 प्रतिशत स्वयं धीरेन्द्रसिंह रेन्जर व अधिनस्थ स्टाफ के लिये कमीशन के रूप में रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है।
जिस पर राजेन्द्र प्रसाद गोयल, उप महानिरीक्षक पुलिस, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों, उदयपुर रेन्ज, उदयपुर के सुपरवीजन में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इन्टेलीजेन्स युनिट उदयपुर के नेतृत्व में मय डॉ. सोनू शेखावत पुलिस निरीक्षक एवं अन्य के ट्रेप कार्यवाही करते हुए आरोपी धीरेन्द्र सिंह पुत्र रामगोपाल सिंह तथा अब्दुल रउफ (रूआब) पिता अब्दुल रज्जाक को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया हैं।
आरोपीयों से पूछताछ तथा कार्यवाही जारी है। एसीबी द्वारा मामले में 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (यथा संशोधित 1988) एवं 61 (2) बीएनएस 2023 के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।


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